अहिंसा
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अहिंसा के अर्थ होला केहू के "चोट न पहुँचावल"। संस्कृत शब्द "हिंसा" - जवना के अर्थ होला - मारल, घात पहुँचावल, चोट कइल या कष्ट दिहल[1][2], के ई बिलोम शब्द बनावल गइल हवे। हिंदू, जैन आ बौद्ध धर्म में अहिंसा के सद्गुण मानल गइल बाटे। जैन धर्म में अहिंसा के सभसे ढेर महत्व दिहल गइल बा आ ई जैन धर्म के एगो केंद्रीय बिचार बा।[3] गाँधी जी बिचारधारा में भी अहिंसा के एगो बहुत महत्व के जगह हासिल बाटे।