कालानमक चाउर
चाउर के भारतीय वेरायटी, धान के किसिम / From Wikipedia, the free encyclopedia
कालानमक चाहे काला नमक, महकउवा चाउर के एगो भारतीय किसिम हवे।[1][2][3] ई उत्तर प्रदेश के तराई वाला इलाका में, पुरबी हिस्सा में उपजावल जाला। सिद्धार्थनगर, उत्तरी गोरखपुर, बस्ती जिला आ महराजगंज जिला कुल में एह चावल के खेती होला। एकरे खास बिसेस्ता के कारन भारत सरकार एकरा के जीआइ (GI) टैग दिहले बा।[4] उत्तर प्रदेश सरकार एह चाउर के "एक जिला एक उत्पाद" इस्कीम के तहत सिद्धार्थनगर खाती बिछले बा[5] जे हमेशा से एह चाउर के मुख्य जगह रहल हवे।
एकरे रोपनी के तरीका भी खास किसिम के होला जेकरा के लोकल रूप से "कलम" सिस्टम कहल जाला। एह तरीका में धान के बेहन पहिले लम्मा-लम्मा रोपल जाला, पहिली रोपनी के लगभग पनरह दिन बाद दोबारा उखारि के आम दूरी पर रोपल जाला।[6]
कथा कहानी के मोताबिक एह चाउर के जुड़ाव गौतम बुद्ध के साथे बतावल जाला। ई कहल जाला कि एकर बीया गौतम बुद्ध खास एह इलाका में उपराजे खाती दिहले रहलें। इहो मानल जाला कि अउरी कतहीं दुसरे इलाका में उपजावे पर एकर खास महक ना रहि जाला।
हाल में एकरे घटरहल बोवाई आ उत्पादन के चलते आ एकरे खास महक आ बिसेस्ता के बचावे खाती भी कोसिस कइल जा रहल बा। एकरा पर कई गो रिसर्च भी भइल बा।[7][8]