अखिल भारतीय राम राज्य परिषद
भारत का एक राजनैतिक दल / From Wikipedia, the free encyclopedia
अखिल भारतीय राम राज्य परिषद भारत का एक राजनैतिक दल है जिसकी स्थापना स्वामी करपात्री ने सन् १९४८ में की थी। इस दल ने सन् १९५२ के प्रथम लोकसभा चुनाव में ३ सीटें प्राप्त की थी। सन् १९५२, १९५७ एवं १९६२ के विधान सभा चुनावों में हिन्दी क्षेत्रों (मुख्यतः राजस्थान) में इस दल ने दर्जनों सीटें हासिल की थी।
अखिल भारतीय राम राज्य परिषद | |
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गठन | 1948 |
विचारधारा | हिन्दू धर्म, हिन्दू राष्ट्रवाद, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद |
भारत की राजनीति राजनैतिक दल चुनाव |
अखिल भारतीय राम राज्य परिषद का लक्ष्य सनातन हिन्दू वर्णाश्रम धर्मशासित राष्ट्र स्थापित करना था। अन्य हिन्दूवादी दलों की भांति यह दल भी समान नागरिक संहिता का पक्षधर था। १९७१ में इसका भारतीय जनसंघ के साथ विलय हो गया था। अखिल भारतीय रामराज्य परिषद आज भी 20 से ज्यादा प्रदेश और जिलों में धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज द्वारा संकल्पित रामराज्य, गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध और सत्य सनातन धर्म की रक्षा एवं अखण्ड भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हो पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव गोपाल शुक्ल जी।। राष्ट्रीय महासचिव श्री जगदम्बा मिश्रा एडवोकेट वाराणसी द्वारा निरंतर प्रगति कर एक मजबूत स्थिति में है।। भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने हमारे चुनाव निशान उगता सूरज को रोक दिया है जिसके लिए हम सभी ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है और फैसला बहुत जल्द होगा, और स्वामी जी का संकल्प साकार होगा।।
लोकसभा में 15 मई 1952 को पहली बार हिंदी में संबोधन सीकर के तत्कालीन सांसद नन्द लाल शर्मा ने किया था जो राम राज्य परिषद के सांसद थे।