अपवर्तनांक
जिसका अपवर्तनांक जितना कम होगा प्रकाश की चाल उतनी ही अधिक होगी / From Wikipedia, the free encyclopedia
किसी माध्यम (जैसे जल, हवा, कांच आदि) का अपवर्तनांक (रिफ्रैक्टिव इण्डेक्स) वह संख्या है जो बताती है कि उस माध्यम में विद्युतचुम्बकीय तरंग (जैसे प्रकाश) की चाल किसी अन्य माध्यम की अपेक्षा कितने गुना कम या अधिक है। यदि प्रकाश के सन्दर्भ में बात करें तो सोडा-लाइम कांच का अपवर्तनांक लगभग 1.5 है जिसका अर्थ यह है कि कांच में प्रकाश की चाल निर्वात में प्रकाश की चाल की अपेक्षा 1.5 गुना कम अर्थात् (1/1.5 = 2/3) हो जाता है।
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जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है तो दोनों माध्यमों का अपवर्तनांक अलग-अलग होने की दशा में प्रकाश की किरण अपने पथ से मुड़ जाती है। यह मुड़ना किस तरफ होगा - यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस माध्यम का अपवर्तनांक कम और किसका अधिक है। यह मुड़ना स्नेल के नियम (Snell's Law) का पालन करता है।
विभिन्न पदार्थों के अपवर्तनांक
जल= 1.33
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