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अरबी सब्जी
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अरबी (अंग्रेज़ी: Taro) एक उष्णकटिबन्धीय पेड़ है जिसे इसकी जड़ में लगी अरबी नामक सब्जी के लिए मुख्यतः उगाया जाता है। इसके साथ ही इसके बड़े-बड़े पत्ते भी खाद्य हैं। यह बहुत प्राचीन काल से उगाया जाने वाला पेड़ है।[4] कच्चे रूप में पेड़ जहरीला हो सकता है। ऐसा इसमें मौजूद कैल्शियम ऑक्ज़ेलेट के कारण होता है। [5][6] हालांकि ये लवण पकने पर नष्ट हो जाता है।[7] या इनको रात भर ठण्डे पानी में रखने पर भी नष्ट हो जाता है। अरबी अत्यन्त प्रसिद्ध और सभी की परिचित वनस्पति है। अरबी प्रकृति ठण्डी और तर होती है। अरबी के पत्तों से पत्तखेलिया नामक बानगी बनती है। अरबी कन्द (फल) कोमल पत्तों और पत्तों की तरकारी बनती है। अरबी गर्मी के मौसम की फसल है। अरबी गर्मी और वर्षा की ऋतु में होती है। अरबी की अनेक किस्मे होती हैं-राजाल, धावालु, काली-अलु, मंडले-अलु, गिमालु और रामालु। इन सबमें काली अरबी उत्तम है। कुछ अरबी में बड़े और कुछ में छोटे कन्द लगते हैं इनसे भाँति-भाँति बानगियाँ बनाई जाती है। अरबी रक्तपित्त को मिटाने वाली, दस्त को रोकने वाली और वायु को प्रकोप करने वाली है।
अरबी | |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | एंजियोस्पर्म |
अश्रेणीत: | एकबीजपत्री |
गण: | एलिस्मैटेल्स |
कुल: | एरासी |
वंश: | कोलोकेशिया |
जाति: | सी. एस्क्युलेन्टा |
द्विपद नाम | |
कोलोकेशिया एस्क्युलेन्टा (एल.) स्कॉट | |
पर्यायवाची[1][2][3] | |
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