इवान पावलोव
रूसी मनोवैज्ञानिक / From Wikipedia, the free encyclopedia
इवान पत्रोविच पावलोव ( 26 सितंबर 1849 - 27 फरवरी 1936) एक रुसी फिजियोलॉजिस्ट थे। पावलोव ने 1904 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार जीता था, यह पहला रूसी नोबेल पुरस्कार विजेता था। 2002 में प्रकाशित सामान्य मनोविज्ञान की समीक्षा में एक सर्वेक्षण, 20 वीं शताब्दी के 24 वें सबसे उद्धृत मनोचिकित्सक के रूप में पावलोव को स्थान दिया था। शास्त्रीय कंडीशनिंग अथवा चिर प्रतिष्ठित प्रानुकूलन पावलोव के सिद्धांत विभिन्न शैक्षणिक कक्षाओं सहित प्रयोगात्मक और नैदानिक सेटिंग्स में संचालित करने के लिए पाए गए हैं।
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (दिसम्बर 2020) स्रोत खोजें: "इवान पावलोव" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
इवान पावलोव Иван Петрович Павлов | |
---|---|
जन्म |
26 सितम्बर 1849 Ryazan, Russian Empire |
मृत्यु |
27 फ़रवरी 1936(1936-02-27) (उम्र 86) Leningrad, सोवियत संघ |
आवास | Russian Empire, सोवियत संघ |
राष्ट्रीयता | सोवियत रूस |
क्षेत्र | शरीर विज्ञानी, चिकित्सक |
संस्थान | Military Medical Academy |
शिक्षा | Saint Petersburg University |
प्रसिद्धि |
Classical conditioning Transmarginal inhibition Behavior modification |
उल्लेखनीय सम्मान |
|
इस सिद्धांत के शैक्षिक निहितार्थ- विद्यार्थियों ने अच्छी आदतों का निर्माण करना- माता बच्चों को सुबह नींद से जगाती है तो बालक उठ जाता है ये स्वाभाविक उद्दीपक से स्वाभाविक अनुक्रिया हुई, अब माता बालक को उठाने से पहले बल्ब जलाती है बाद में आवाज लगाती है ये क्रिया ज्यादा समय तक होती है तो बालक बल्ब जलते ही उठ जायेगा|
पशुओं के प्रशिक्षण में- यदि सर्कस के शेर के प्रशिक्षण में सिखाया जाता है कि चाबुक से मारने पर शेर रिंग के अन्दर से छलांग लगाता है तो चाबुक से मारना स्वाभाविक उत्तेजक हुआ,यदि चाबुक मारने से पहले किसी भोंपू की आवाज सुनाई जाती है तो थोड़े ही दिनों में शेर भोंपू व चाबुक से अनुबंध स्थापित कर लेता है और अब मात्र भोंपू बजने से वह छलांग मारता है|
भय दूर करने में- बालक प्राय: पुलिस,डाक्टर,चूहा आदि को देखकर डर जाते हैं क्योकि उनके साथ वहाँ अनुबंध स्थापित कर चुके होते है| यदि इनके इस डर को दूर करना है तो प्रति अनुबंध के द्वारा किया जा सकता है|