उपस्कर अवतरण प्रणाली
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उपस्कर अवतरण प्रणाली (instrument landing system या ILS) एक भूमि पर स्थापित उपस्कर अप्रोच प्रणाली होती है, जो विमान को उड़ान पट्टी पर पहुंचते हुए और अवतरण के समय सटीक मार्गदर्शन उपलब्ध कराती है। इसमें रेडियो संकेतों के संयोजन एवं कई स्थानों पर उच्च-तीव्रता के प्रकाश एरेज़ का प्रयोग किया जाता है जिससे कि निम्न दृश्यता, खराब मौसम, हिमपात, उड़ान प्रतिबंधों आदि के रहते हुए भी विमान का सुरक्षित अवतरण सुनिश्चित हो सके।
प्रत्येक आई.एल.एस एप्रोच के लिये इन्स्ट्रुमेन्ट अप्रोच प्रोसीजर चार्ट्स (अप्रोच प्लेट्स) उपलब्ध रहते हैं, जो विमानचालकों को आई.एफ़.आर (उपस्कर उड़ान नियम) प्रचालन के प्रयोग हेतु वांछित जानकारी, वहां से संबंधित प्रणाली के घटकों द्वारा प्रयोग की गयीं रेडियो आवृत्तियां एवं उस प्रणाली विशेष के प्रयोग हेतु निश्चित की गईं न्यूनतम सुरक्षित दॄश्यता आवश्यकताएं (मिनिमम विज़िबिलिटी रिक्वायरमेन्ट्स) आदि का पूर्ण ब्यौरा दिया गया होता है।
रेडियो-नौवहन सहायताएं (एड्स) सीएएसटी/आइ सी ए ओ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मानकों हेतु निर्धारित की गईं सीमा के भीतर ही रहनी चाहिये। सुरक्षा कारणों से इन सीमाओं को सुनिश्चित करने हेतु निश्चित अवधि के भीतर समय समय पर कुछ उड़ान निरीक्षण संगठन इन उपस्करों की जाँच करते रहते हैं। ये निरीक्षण आइ.एल.एस उपस्करों की जांच एवं परिशुद्धता प्रमाणन हेतु सक्षम एवं संगत उपर्करों से सुसज्जित विमान द्वारा जांच कार्य सम्पन्न किया करते हैं। भारत में ये कार्य भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अधीन एक इकाई उड़ान निरीक्षण एकक द्वारा सम्पन्न की जाती है।[1]