फ्रांसिस बेकन
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फ्रांसिस बेकन (1561-1626) फ्रांसिस बेकन का जन्म सन 22 जनवरी 1561 में हुआ था[अंग्रेज़|अंग्रेज]] राजनीतिज्ञ, दार्शनिक और लेखक था। रानी एलिज़बेथ के राज्य में उसके परिवार का बड़ा प्रभाव था। कैंब्रिज और ग्रेज़ इन में शिक्षा प्राप्त की। 1577 में वह फ्रांस स्थित अंग्रेजी दूतावास में नियुक्त हुआ, किंतु पिता सर निकोलस बेकन की मृत्यु के पश्चात् 1579 में वापस लौट आया। उसने वकालत का पेशा अपनाने के लिए कानून का अध्ययन किया। प्रारंभ से ही उसकी रुचि सक्रिय राजनीतिक जीवन में थी। 1584 में वह ब्रिटिश लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हुआ। संसद की, जिसमें वह 1614 तक रहा, कार्यप्रणाली में उसका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। समय समय पर वह महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रश्नों पर एलिज़बेथ को निष्पक्ष सम्मतियाँ देता रहा। कहते हैं, अगर उसकी सम्मतियाँ उस समय मान ली गई होतीं तो बाद में शाही और संसदीय अधिकारों के बीच होनेवाले विवाद उठे ही न होते। सब कुछ होते हुए भी उसकी योग्यता का ठीक ठीक मूल्यांकन नहीं हुआ। लार्ड बर्ले ने उसे अपने पुत्र के मार्ग में बाधक मानकर सदा उसका विरोध किया। रानी एलिज़ाबेथ ने भी उसका समर्थन नहीं किया क्योंकि उसने शाही आवश्यकता के लिए संसदीय धनानुदान का विरोध किया था। 1592 के लगभग वह अपने भाई एंथोनी के साथ अर्ल ऑव एसेक्स का राजनीतिक सलाहकार नियुक्त हुआ। किंतु 1601 में, जब एसेक्स ने लंदन की जनता को विद्रोह के लिए भड़काया तो बेकन ने रानी के वकील की हैसियत से एसेक्स को राजद्रोह के अपराध में दंड दिलाया।
फ्राँसिस बैकन | |
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फ्रांसिस बेकन का चित्र फ्रांस पोरबस के द्वारा 1617 ई. में, स्थान: पानी पर महल वारसा में। | |
इंग्लैंड और वेल्स के अटार्नी जनरल | |
पद बहाल 1613–1617 | |
पूर्वा धिकारी | हेनरी होबर्ट |
उत्तरा धिकारी | हेनरी येल्वर्टन |
जन्म | 22 जनवरी 1561 स्ट्रैंड, लंडन, इंग्लैंड |
मृत्यु | 9 अप्रैल 1626 (उम्र 65) हाईगेट, मिडिलसेक्स, इंग्लैंड |
राष्ट्रीयता | अंग्रेज |
शैक्षिक सम्बद्धता | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
हस्ताक्षर | |