वान्केल इंजन
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वान्केल इंजन एक प्रकार का आंतरिक दहन इंजन है, जो दबाव को घूर्णन गति में परिवर्तित करने के लिए प्रत्यागमनी पिस्टन के बजाय उत्केंद्रक शैफ्ट डिजाइन का प्रयोग करता है। वान्केल इंजन का दहन कक्ष, अंडाकार समान बहि:त्रिज्याज (epitrochoid) आकार का होता है। इसके घूर्णक का आकार Reuleaux त्रिभुज के समान होता है, पर इसकी भुजाएँ थोड़ी सीधी होतीं हैं। वान्केल इंजन में चतुर्घात चक्र दहन कक्ष के अन्दर के हिस्से और घूर्णक के बीच चलता है।
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इस इंजन का आविष्कार एक जर्मन वैज्ञानिक फेलिक्स वान्केल ने किया था।[1] वान्केल ने १९२९ में इंजन के किये पहला पेटेंट प्राप्त किया और १९५७ में इसका पहला कार्यकारी आदिप्ररूप तैयार कर लिया।
संहत डिजाइन के कारण वान्केल शैफ्ट इंजन, विविध प्रकार के वाहनों और उपकरणों जैसे मोटरवाहन,मोटरसाइकल, सांकल आरा, सहायक शक्ति ईकाई आदि में उपयोग किये जातें हैं।