श्राद्ध
पूर्वजोंके लिए किया जानेवाला संस्कारविधी / From Wikipedia, the free encyclopedia
श्राद्ध हिन्दू एवं अन्य भारतीय धर्मों में किया जाने वाला एक कर्म है जो पितरों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता अभिव्यक्त करने तथा उन्हें याद करने के निमित्त किया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि जिन पूर्वजों के कारण हम आज अस्तित्व में हैं, जिनसे गुण व कौशल, आदि हमें विरासत में मिलें हैं, उनका हम पर न चुकाये जा सकने वाला ऋण हैं। वे हमारे पूर्वज पूजनीय हैं। [1]गीता जी के अध्याय ९ श्लोक २५ के अनुसार पितर पूजने वाले पितरों को, देेव पूजने वाले देवताओं को और परमात्मा को पूजने वाले परमात्मा को प्राप्त होते हैं।[2][3][4] अर्थात् मनुष्य को उसी की पूजा करने के लिए कहा है जिसे पाना चाहता है । अतः देव , ऋषि, और पितरों का पूजन करें । न कि कब्र में पड़े किसी मुर्दे का ।
सामान्य तथ्य आस्थादर्शन, ग्रन्थशास्त्र ...
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