सार्वत्रिक वितरण
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जीव-भूगोल में, किसी वर्गक (टैक्सोन) के वितरण को, सार्वत्रिक वितरण तब कहा जाता है यदि, इसका जीव-भौगोलिक क्षेत्र विश्वव्यापी या विश्व के अधिकतर हिस्सों के उपयुक्त पर्यावासों में हो। उदाहरण के लिए, व्हेल का वितरण, सार्वत्रिक वितरण है, क्योंकि यह दुनिया के लगभग सभी महासागरों में पाई जाती है।[1] अन्य उदाहरणों में मनुष्य, लाइकेन प्रजाति पार्मेलिया सुलकाटा और वंश माइटिलस शामिल हैं।[1] सार्वत्रिक वितरण का कारण पर्यावरण सह्य-सीमाओं का व्यापक क्षेत्र,[2][3] या विकास के लिए आवश्यक समय से अधिक तेजी से हुआ फैलाव हो सकता है।[4]