पर्यावरण पर मनुष्य के परभाव
From Wikipedia, the free encyclopedia
पर्यावरण पर मनुष्य के परभाव भा पर्यावरण पर मानवजनित प्रभाव में अइसन सगरी प्रभाव शामिल बाड़ें जे पर्यावरण, जैवविविधता, आ अन्य संसाधन सभ पर[1][2] मनुष्य के काम के परिणाम के रूप में पड़े लें। शब्दावली, "मानवजनित" (अंग्रेजी: एन्थ्रोपोजेनिक) मनुष्य के कामकाज आ बेहवार से पैदा होखे वाला परभाव सभ के खातिर कइल जाला। एह शब्दावली के पहिली बेर एह तकनीकी अरथ में इस्तमाल रूसी भूगर्भबिज्ञानी अलेक्सी पावलोव कइलें आ अंग्रेजी में एह शब्द के इस्तेमाल ब्रिटिश इकोलॉजिस्ट आर्थर टांसले कइलें।[3] वायुमंडल बिग्यानी पॉल कुर्टजेन, एन्थ्रोपोसीन शब्द के इस्तेमाल सत्तर के दशक के बीच में कइलें[4] आ ई शब्द मनुष्य के क्रियाकलाप द्वारा वातावरण में फइलावल प्रदूषण के कारण पैदा स्थिति खातिर कइल जाला; आ आम तौर पर मनुष्य के बेहवार से पैदा सगरी पर्यावरणी समस्या से भरल दुनिया खातिर भी।[5]