बुझनी (दक्खिन एशिया में)
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बुझनी बूझे बुझावे के चलन दक्खिन एशिया, माने की भारतीय उपमहादीप आ आसपास के इलाका सभ, में बहुत पुराना जमाना से बा। इहाँ साहित्यिक आ लोक-साहित्यिक दुनों परंपरा में बुझनी के महत्व के अस्थान रहल बा आ इहो बहुत गौर करे लायक बात बा कि एही इलाका में दुनिया के सभसे पुरान बुझनी जइसन रचना के उदाहरण मिले ला जे संस्कृत साहित्य के ऋग्वेद में बाटे। बाद के संस्कृत साहित्य में बुझनी-बुझौवल के बहुत उदाहरण मिले ले जे अपना में अद्भुत बाड़ें। बिचला काल में अमीर खुसरो नियर कबी के रचल बहुत सारा बुझउवल बाड़ी स जिनहन के आजू ले महत्त्व दिहल जाला।