गोदावरी नदी
दक्खिन भारत के एगो प्रमुख नदी From Wikipedia, the free encyclopedia
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गोदावरी नदी दक्खिन भारत में बहे वाली एगो महत्वपूर्ण नदी ह। यह महाराष्ट्र से निकल के बंगाल के खाड़ी में गिरती है। गोदावरी नदी भारत के दूसरी सबसे लंबी नदी है, गंगा नदी के बाद। एकरा निकसे के सोता महाराष्ट्र के त्रयंबकेश्वर में बा।[4] इहाँ से निकसे के बाद ई 1,465 किलोमीटर (910 मील) के दूरी तय करे ले जेकरे दौरान ई महाराष्ट्र (48.6 %), तेलंगाना (18.8 %), आंध्र प्रदेश (4.5 %), छत्तीसगढ़ (10.9 %), मध्य प्रदेश (10.0 %), ओडिशा (5.7 %), कर्नाटक (1.4 %) आ पुद्दुचेरी (यनम) से हो के गुजरे ले आ अंत में बंगाल के खाड़ी में अपने सहायिका सभ के बिसाल नेटवर्क से एकट्ठा कइल पानी गिरावे ले।[5] एक थाला (बेसिन) लगभग 312,812 किमी2 (120,777 वर्ग मील) एरिया पर बिस्तार लिहले बा आ एह तरीका से ई भारतीय उपमहादीप के सभसे बिसाल नदी थाला सभ में से एक हवे; खाली गंगा आ सिंधु नदी के थाला एकरा ले बड़हन बाने।[6] लंबाई, थाला के साइज आ कुल पानी के बहाव, सभ मामिला में ई प्रायदीपी भारत के सभसे बड़ नदी ठहरे ले; मुला एही कारन एकरा के दक्खिन गंगा के उपाधि दिहल गइल होखी।[7]
हिंदू ग्रंथ सभ एह नदी के बरनन सदियन से मिले ला आ एकरे थाला में बहुत समृद्ध संस्कृति के बिकास भइल बा। पछिला कुछ दशक में, नदी के धारा रोक के कई गो बंधा बनावल गइल बाड़ें जिनहन से एकर बहाव रुकल बा। एह नदी के डेल्टा वाला इलाका में जनघनत्व 729 ब्यक्ति/किमी2 — देस के औसत के लगभग दुन्ना बाटे, आ ई डेल्टाई इलाका ख़तरा में भी बतावल जा रहल बा अगर समुंद्र तल में चढ़ाव होखे।[8][9]
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बहाव मारग
गोदावरी नदी महाराष्ट्र में नासिक के लगे पच्छिमी घाट के पहाड़ी से निकसे ले, एकर उदगम से अरब सागर बस के दूरी पर बाटे। ई नदी कुल के लंबाई तय करे ले, पहिले पूरुब मुँह के दक्कन के पठार में, फिर दक्खिन-पूरुब मुँह के हो जाले आ आंध्र प्रदेश के पच्छिम गोदावरी जिला आ पूर्ब गोदावरी जिला में प्रवेश करे ले, एकरा बाद आगे बढ़ के ई दू गो मुख्य धारा में बँट जाले आ बिसाल डेल्टा बनावे आ राजमुंद्री के लगे डोलेश्वरम बैराज के आगे बंगाल के खाड़ी में गिर जाले।
गोदावरी नदी के थाला (बेसिन) के कुल रकबा करीबन बाटे , ई भारत देस के कुल रकबा के लगभग दसवाँ हिस्सा बाटे आ यूनाइटेड किंगडम आ आयरलैंड के मिला के दुनों के बरोबर बाटे। नदी के लंबाई के तीन खंड में बाँटल जाला:
- ऊपरी (मांजरा नदी से संगम से पहिले)
- बिचला (मांजरा के संगम से प्राणहिता के संगम ले)
- निचला (प्राणहिता के संगम के बाद)
ई तीनों हिस्सा मिला के नदी के कुल बेसिन के 24.2 % हिस्सा होखे ला। एह नदी के सालाना बहाव बाटे आ लगभग आधा हिस्सा के बिबिध प्रोजेक्ट सभ द्वारा लाभ खातिर इस्तेमाल कइल जा रहल बाटे (जइसे कि पनबिजली खातिर)। एह नदी के पानी के राज्यन के बीचा में (रिपरियन स्टेट्स) बँटवारा गोदावरी वाटर डिस्प्यूट ट्रिब्यूनल द्वारा होखे ला। नदी के बहाव में बाढ़ वाला बहाव भारत के सभसे बेसी बाढ़ बहाव वालन में से एक हवे, 1986 में बाढ़ में ई बहाव 3.6 मिलियन क्यूसेक रिकार्ड कइल गइल रहे, 1 मिलियन क्यूसेक सालान नॉर्मल बाढ़ के बहाव होखे ला।
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सहायिका
गोदावरी नदी के मुख्य सहायिका नदी सभ के दू हिस्सा में बाँटल जा सके ला: बायें से आ के एह में पूर्णा, प्राणहिता, इंद्रावती आ सबरी नदी आ के मिले लीं के पूरा कैचमेंट एरिया के 59.7 % हिस्सा हवे, दाहिने से आ के मिले वाली नदी प्रवरा, मांजरा आ मनेर नदी बाड़ीं जे 16.1 % कैचमेंट एरिया कभर करे लीं।
प्राणहिता नदी एकर सभसे महत्व वाली सहायिका हवे आ एकरे कुल थाला के 34 % एही नदी के थाला हवे। भले प्राणहिता के लंबाई बस होखे, एकरे सहायिका सभ में वर्धा, वेणगंगा आ पेनगंगा नियर बिसाल नदी बाड़ी जे लगभग पूरा बिदर्भ प्रदेश आ सतपुड़ा पहाड़ के दक्खिनी ढाल कभर करे लीं। इंद्रावती एकर दुसरी सभसे बड़हन सहायिका हवे जे ओडिशा के कालाहांडी आ नबरंगपुर के आ छत्तीसगढ़ के बस्तर एरिया ले "लाइफलाइन" कहाले। प्राणहिता आ इंद्रावती के उप-बेसिन सभ के बिस्तार के चलते इनहन के अपने आप में नदी मानल जाला। मांजरा लंबाई में एकर सभसे बड़हन (सभसे लमहर) सहायिका हवे आ एह पर निजाम सागर बान्ह बाटे। पूर्णा एगो महत्त्व वाली सहायिका हवे जे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा नियर पानी के कमी वाला एरिया से हो के बहे ले।
Drainage basin of the Godavari[10]
Upper, middle, and lower basins of the Godavari (24.2%)
Pranhita (34.87%)
Indravati (12.98%)
Manjira (9.86%)
Sabari (6.53%)
Purna (4.98%)
Manair (4.18%)
Pravara (2.08%)
Other than these 7 principal ones, it has many smaller but significant ones draining into it. Indravati river floodwaters overflow into the Jouranala which is part of Sabari basin. A barrage at 19°7′19″N 82°14′9″E is constructed across the Indravati river to divert Indravati water in to Sabari river for enhanced hydropower generation.
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बान्ह
प्रणहिता सहायक नदी के संगम तक ले मुख्य गोदावरी नदी के पूरा तरीका से बांध कइल गइल बा जेह से कि उपलब्ध पानी के सिंचाई खातिर इस्तेमाल कइल जा सके। हालाँकि, एकर मुख्य सहायक नदी प्रन्हिता, इंद्रवती आ शबरी जे बेसिन के निचला हिस्सा में जुड़ल बाड़ी, मुख्य गोदावरी के तुलना में तीन गुना ढेर पानी ले जालीं। साल 2015 में आंध्र प्रदेश में स्थित प्रकाशम बैराज में पानी के उपलब्धता बढ़ावे खातिर पट्टीसीमा लिफ्ट योजना के मदद से पोलावरम दाहिना किनारे के नहर के चालू क के पानी के अधिशेष गोदावरी नदी के जल घाटा वाला कृष्णा नदी से जोड़ल गइल बा। गोदावरी नदी बेसिन में भारत के कौनों अउरी नदी बेसिन के तुलना में ढेर बाँध सभ के निर्माण होला। नदी बेसिन में स्थित कुछ बांध निम्नलिखित बाड़ें:
- गंगापुर बाँध : ई एगो बड़हन मिट्टी भरल बाँध हवे जेह में सकल पानी के भंडारण 215.88 मिलियन घन मीटर बाटे, आ ई नासिक शहर से 10 किमी (6.2 मील) ऊपर के ओर स्थित बा। गंगापुर बंद सागर के नाँव से जानल जाए वाला ई जलाशय नासिक शहर के पीये के पानी उपलब्ध करावे ला आ एकलाहरे में नीचे के ओर स्थित थर्मल पावर स्टेशन के भी पानी के आपूर्ति करे ला।
- जयकवाड़ी बांध : पैठन के लगे स्थित इ भारत के सबसे बड़ माटी के बांध में से एक बा। ई बाँध किनारे के किनारे बाढ़ के दोहरी समस्या के समाधान खातिर बनावल गइल रहे, मानसून के महीना में, आ सूखा के, साल के बाकी हिस्सा में, मराठवाड़ा इलाका में। दू गो 'बाँया' आ 'दाहिना' नहर से नंदेद जिला तक के उपजाऊ जमीन के सिंचाई होला। ई बाँध औरंगाबाद आ जलना, महाराष्ट्र के औद्योगिक बिकास में योगदान देले बा।[29] परभनी, नंदेद आ बीड जिला में सिंचाई के संभावना के अउरी बढ़ावे खातिर मजलगांव बांध के निर्माण भी जयकवाड़ी स्टेज 2 के तहत कईल जाला।
- विष्णुपुरी बैराज: एशिया के सभसे बड़ लिफ्ट सिंचाई परियोजना, विष्णुपुरी प्रकाश[30] के निर्माण नदी पर नांदेद शहर से 5 किमी (3.1 मील) के दूरी पर कइल गइल बा।
- गोदावरी नदी बेसिन के बाहर प्रवरा सहायक नदी के पानी के एगो पश्चिम बहत नदी में मोड़ के जलविद्युत उत्पादन खातिर घाटघर बांध बनावल गइल जवन अरब सागर से जुड़ल बा।
- गोदावरी नदी जलग्रहण क्षेत्र के कुछ हिस्सा के मिला के पच्छिम में बहत वैतरना नदी के पार ऊपरी वैतरना जलाशय बनावल गइल। एह जलाशय में जब्त गोदावरी पानी के जलविद्युत पैदा कइला का बाद मुंबई शहर के पेयजल सप्लाई खातिर नदी बेसिन का बाहर डायवर्ट कर दिहल जाला.
- श्रीराम सागर बांध : आदिलाबाद आ निजामाबाद जिला के सीमा पर गोदावरी नदी पर ई एगो अउरी बहुउद्देशीय परियोजना बा। ई निजामाबाद से 60 किलोमीटर दूर पोचाम्पड शहर के लगे बा। एकरा के द हिंदू द्वारा "तेलंगाना के एगो बड़हन हिस्सा खातिर जीवन रेखा" बतावल गइल बा। ई करीमनगर, वारंगल, आदिलाबाद, नलगोंडा, आ खम्माम जिला सभ में सिंचाई के जरूरत के पूरा करे ला आ बिजली भी पैदा करे ला।
- सर आर्थर कॉटन बैराज के निर्माण सर आर्थर कॉटन द्वारा 1852 में कइल गइल।1987 के बाढ़ में एकरा के नुकसान भइल, आ एकरे तुरंत बाद बैराज सह रोडवे के रूप में फिर से बनावल गइल आ इनके नाँव पर एकर नाँव रखल गइल। ई सड़क मार्ग पूर्वी गोदावरी के राजामुंद्री आ पश्चिम गोदावरी के विजयेश्वरम के जोड़त बा। एह बैराज के सिंचाई नहर सभ भी राष्ट्रीय जलमार्ग 4 के हिस्सा हवें।
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संदर्भ
बाहरी कड़ी
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