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खनिज
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खनिज ऊ सारा पदार्थान के कहल जाला जिनहन के खान में से खनि के निकालल जाला। हालाँकि ई एगो बहुत साधारण परिभाषा हवे।
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वैज्ञानिक रूप से खनिज कहाए खातिर नीचे लिखल गुण होखे के चाहीं:
- प्राकृतिक रूप से पावल जाये वाला पदार्थ होखे, मने आदमी द्वारा प्रयोगशाला में न बनावल होखे
- सामान्य तापमान पर ठोस अवस्था में पावल जाय,
- जीवीय रचना वाला न होखे, मने कौनों जीवधारी क अवशेष (हड्डी, खोल) न होखे
- ए पदार्थ के एगो निश्चित रासायनिक सूत्र से बतावल जा सके, आ
- ओकरी अणु क एगो निश्चित तरीका क फिटिंग होखे।
खनिज आ चट्टान में अंतर होला, काहें से की एकही चट्टान कई गो खनिजन से मिल के बनल हो सकेले। अधिकतर खान से खनि के जवन पदार्थ निकालल जालें उन्हान में एकहि संगे कई गो खनिज मिलल रहे लें। बाद में इन्हन के अलगियवल जाला।
भूगोल आ भूगर्भशास्त्र में खनिजन क बहुत महत्त्व होल आ इन्हां की मात्रा की आधार पर चत्तानन के अलग-अलग प्रकार में बाँटल जाला।
खनिजन क कई गो रूप मिलेला। मुख्य बिभाजन धातुई खनिज आ बेधातुई खनिज में होला।
सेन्हा नून क ढोंका भी एक तरह क खनिज हवे जेवना क खोदाई क के निकालल जाला ।