शून्य
पूरे नंबरों की पहली संख्या / From Wikipedia, the free encyclopedia
शून्य (०) एक अंक है जो संख्याओं के निरूपण के लिये प्रयुक्त आजकी सभी स्थानीय मान पद्धतियों का अपरिहार्य प्रतीक है। इसके अलावा यह एक संख्या भी है। दोनों रूपों में गणित में इसकी अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। पूर्णांकों तथा वास्तविक संख्याओं के लिये यह योग का तत्समक अवयव है।
सामान्य तथ्य शून्य, उल्लेखनीय कार्य ...
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ग्वालियर दुर्ग में स्थित एक छोटे से मन्दिर - 'चतुर्भुज मंदिर' की दीवार पर शून्य (०) उकेरा गया है[1] [2]जो शून्य के लेखन का दूसरा सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण है। यह शून्य आज से लगभग १५०० वर्ष पहले उकेरा गया था।[3][4]