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संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित योग दिवस विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
आंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को 'आंतरराष्ट्रीय योग दिवस' को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। भारत के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो किसी प्रस्तावित दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ में पारित करने के लिए सबसे कम समय है।[1]
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस | |
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आधिकारिक नाम | आंतरराष्ट्रीय योग दिवस |
अन्य नाम | योग दिवस, विश्व योग दिवस |
अनुयायी | विश्वभर |
प्रकार | संयुक्त राष्ट्र |
उत्सव | योग, ध्यान, सामूहिक मन्थन, विचार-विमर्श, सांस्कृतिक आयोजन |
तिथि | 21 जून |
आवृत्ति | वार्षिक |
प्रथम बार | 21 जून 2015 |
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'आंतरराष्ट्रीय योग दिवस' से पहले भी औपचारिक व अनौपचारिक योग शिक्षकों और उत्साही लोगों के समूह ने 21 जून के अलावा भी अन्य तारीखों पर विश्व योग दिवस को विभिन्न कारणों के समर्थन में मनाया था।[2] दिसंबर 2011 में, आंतरराष्ट्रीय मानवतावादी, ध्यान और योग गुरु श्री श्री रविशंकर और अन्य योग गुरुओं ने पुर्तगाली योग परिसंघ के प्रतिनिधि मण्डल का समर्थन किया और 21 जून का दिन दुनिया के लिए एक योग दिवस के रूप में घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को सुझाव दिया था।[3] 27 सितम्बर 2014 को भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में विश्व समुदाय से एक आंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने अपील की थी।[4]
11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि द्वारा आंतरराष्ट्रीय योग दिवस संकल्प का मसौदा प्रस्तुत किया गया। मसौदे को व्यापक समर्थन मिला जिसके अंतर्गत 177 देश इस मसौदे के प्रस्तावक बने जो संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतिहास में अभी तक हुए किसी भी संकल्प में सर्वाधिक प्रस्तावकों की संख्या है।[5][6][7]
27 सितम्बर 2014 को भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में विश्व समुदाय से एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने अपील की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि:
"योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह केवल व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन-शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करते हैं।"
11 दिसम्बर 2014 को अमेरिका में स्थित संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद सर्वप्रथम इसे 21 जून 2015 को पूरे विश्व में 'आंतरराष्ट्रीय योग दिवस' (इंटरनेशनल डे ऑफ योगा) के नाम से मनाया गया।[8][9]
संयुक्त राष्ट्र की घोषणा करने के बाद, श्री श्री रविशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हैं कहा:
"किसी भी दर्शन, धर्म या संस्कृति के लिए राज्य के संरक्षण के बिना जीवित रहना बहुत मुश्किल है। योग लगभग एक अनाथ की तरह अब तक अस्तित्व में था। अब संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक मान्यता योग के लाभ को विश्वभर में फैलायेगी।"
भारत में पहले आंतरराष्ट्रीय योग दिवस (2015) को मनाने के लिए भाजपा के साथ रामदेव ने भी इस आयोजन के लिए खास तैयारियाँ की थी, विश्व योग दिवस को यादगार बनाने और पूरे विश्व को योग के प्रति जागरूक करने के लिए रामदेव ने 35 मिनट का विशेष पैकेज तैयार किया था। [11] [12] 21 जून को आंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सफल होने के साथ ही भारत ने दो विश्व रिकार्ड भी कायम किए। [13]
भारत में 21 जून को आंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े पैमाने पर मनाया गया जिसकी तैयारियाँ बड़े जोर-शोर से सरकार कर रही थी।[14] [15] योग दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली के राजपथ पर हुआ जिसमें खुद प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने शिरकत की।[16] प्रधानमन्त्री ने राजपथ पर लगभग 36,000 लोगों के साथ योग किया।[17] आंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर राजपथ के मंच को साझा करने के लिए प्रधानमन्त्री के साथ कुल छह अन्य लोगों को मौका मिला प्रधानमन्त्री कार्यालय ने चार योग गुरु जिसमें योग गुरु बाबा रामदेव, सव्यासा के प्रमुख एच आर नागेन्द्र, श्रीमती हंसाजी जयदेव योगेन्द्र और स्वामी आत्माप्रियनन्दा को शामिल किया गया साथ ही आयुष मन्त्री श्रीपद नाइक और आयुष मन्त्रालय सचिव निलंजन सान्याल को मंच पर बैठने को मंजूरी मिली थी।[18] आंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का गणतंत्र दिवस समारोह जैसा कवरेज दूरदर्शन द्वारा किया गया। इसका सीधा प्रसारण किया गया, प्रसारण आंतरराष्ट्रीय मानक का हो यह सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण का इस्तेमाल किया गया।[19] प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी और अरविन्द केजरीवाल को भी योग दिवस के लिए निमन्त्रण भेजा था।[20] राजनैतिक लोगों के अलावा योग गुरु बाबा रामदेव और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को भी न्योता भेजा गया।[21] संयुक्त राष्ट्र में भी योग दिवस मनाने के लिए व्यापक तैयारी की गयीं।[22] पहले आंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। अमेरिका के प्रसिद्ध टाइम्स स्क्वायर से वैश्विक दर्शकों के लिए इसका प्रसारण भी हुआ।[23] [24]
भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और गणमान्य लोगों सहित करीब 36,000 लोगों ने, 21 जून 2015 को नई दिल्ली में पहले आंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 35 मिनट तक 21 योग आसन (योग मुद्राओं) का प्रदर्शन किया। योग दिवस दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा मनाया गया।[25]राजपथ पर हुए समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स की स्थापना की: सबसे बड़ी योग क्लास 35,985 लोगों के साथ और चौरासी देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। इस रिकॉर्ड को आयुष मन्त्री श्रीपद नाइक ने स्वयं ग्रहण किया। [26][27]
इस दिवस का विवादों में अपना हिस्सा था। सरकार ने 'आंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के दौरान विवाद से बचने के लिए "सूर्य नमस्कार" व "श्लोक" जप की अनिवार्यता को आधिकारिक योग कार्यक्रम से हटा दिया और मुसलमानों से इस आयोजन में भाग लेने की अपील की। आयुष मन्त्री श्रीपद नाइक ने मुसलमानों से इस कार्यक्रम के दौरान श्लोक के स्थान पर 'अल्लाह' के नाम को पढ़ लेने का सुझाव दिया।[28]
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सूर्य नमस्कार को पन्थ के विरुद्ध बताते हुए इसका विरोध किया।[28] ।[29]
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