आतपन
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सूर्य के केन्द्रीय भाग में निरंतर नाभकीय संलयन की चलती रहती है । जिससे आपर ऊर्जा मुक्त होती है । सूर्य अपनी इस ऊष्मा / ऊर्जा को लगातार में विकसित करता रहता है । पृथ्वी तक यह विकिरण के रूप में पहुंचता है । इसे ही सूर्यातप या आतपन / सौर विकिरण कहते हैं ।
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आतपन या सूर्यताप (Insolation या solar irradiation) किसी कालावधि में किसी क्षेत्रफल पर पड़ने वाले सौर विकिरण की माप है। विश्व मापन संगठन ने इसे मापने के लिए MJ/m2 (मेगाजूल प्रति वर्ग मीटर) या J/mm2 (जूल प्रति वर्ग मिलीमीटर) संस्तुत किया है।