![cover image](https://wikiwandv2-19431.kxcdn.com/_next/image?url=https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/f/fb/Craniometry_skull_1902.jpg/640px-Craniometry_skull_1902.jpg&w=640&q=50)
कपालमिति
मानव कपाल का माप। / From Wikipedia, the free encyclopedia
मानव की विभिन्न जातियों के कपाल (cranium/करोटि) आकार और रूप में भिन्न हाते हैं और उनका अध्ययन कपालमिति या करोटिमापन का विषय है। कपालमिति, शीर्षमिति (cephalometry) के अन्तर्गत आता है जो मानवमिति (anthropometry) के अन्तर्गत आता है जो नृतत्वशास्त्र की शाखा है। किन्तु कपालमिति, कपालविद्या (phrenology) से भिन्न है।
![Thumb image](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/f/fb/Craniometry_skull_1902.jpg/320px-Craniometry_skull_1902.jpg)
![Thumb image](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/8/8b/Races_and_skulls.png/320px-Races_and_skulls.png)
![Thumb image](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/d/db/Primate_skull_series_with_legend_cropped.png/640px-Primate_skull_series_with_legend_cropped.png)
करोटि का ठीक-ठीक मापन ही कपालमिति की मूलभूत तकनीक है और कालावधि में इससे ही नापने की विधि निकली है। इस विधि में भूचिह्न (लैंडमार्क्स) और अनुपस्थिति के धरातल (प्लेन्स ऑव ओरिएंटेशन) संश्लिष्ट रहते हैं। इन सबकी अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा सही-सही व्याख्या की हुई होती है। इस अर्थ में कपालमिति किसी भी तरह की करोटि पर लागू होता है, किंतु, चूँकि इसका उपयोग अत्यंत गहन रूप से मानव करोटि पर हुआ है, अत: यह मानव-शरीर-मापन के बृहत्तम क्षेत्र का एक अंश है।
रेखीय मापन के अतिरिक्त करोटि गह्वर की धारकता भी नापी जाती है जिसमें उसमें के मस्तिष्क का अच्छा निर्देश मिलता है। औसत मानव की करोटि धारकता १४५० घन सें.मी. से अधिक होती है और उसे दीर्घकरोटि कहते हैं। करोटि की चौड़ाई से लंबाई का अनुपात (चौड़ाई/लंबाई x१००) करोटि निर्देशांक निर्धारित करता है और यदि यह निर्देशांक ८० से ऊपर होता है तो करोटि का वर्गीकरण चौड़ा होता है; ७५ और ८० के बीच मध्यम और ७५ से कम होने पर लंबा।
मानवमिति की शाखा के रूप में कपालमिति का एक प्रतिरूप भी है जो जीवित व्यक्तियों के शिरोमापन से संबंध रखता है और जिसे प्राय: शीर्षमिति कहते हैं। इनमें विभेद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यद्यपि बहुतेरे भूचिह्नों तथा मापों का दोनों में प्रयोग होता है तथापि शीर्षमिति में मापें कुछ बड़ी रहती हैं क्योंकि वे चर्म तथा अन्य तंतुओं के ऊपर से ली जाती हैं।
सामान्यत: मानवमिति के समान ही कपालमिति का उद्देश्य वस्तुपरक मीट्रिक अंकों में विवरण देना होता है जिन्हें कोई भी कहीं भी आँक सके और तुलना में उपयोग कर सके। इसके अतिरिक्त, चूँकि करोटि में भिन्नता रहती है, कपालमिति करनेवालों का लक्ष्य सामान्यत: विभिन्न प्रकारों के कपालों की श्रेणियों का मापन होता है जिससे प्रत्येक के लिए औसत अंक प्राप्त हो सके। इसके लिए वे समुचित सांख्यिकीय विधियों का प्रयोग करते हैं।