Loading AI tools
भारतीय चिकित्सक विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
कादम्बिनी गांगुली (जन्म- 18 जुलाई, 1861, भागलपुर, बिहार; मृत्यु- 3 अक्टूबर, 1923, कलकत्ता, ब्रिटिश भारत) भारत की पहली स्नातक और फ़िजीशियन महिला थीं। यही नहीं उनको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी प्राप्त है। कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था। इन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की लचर स्थिति पर भी काफ़ी कार्य किया। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं। उनमें देशभक्ति की भावना बंकिमचन्द्र की रचनाओं से ही जाग्रत हुई थी।[1] उनका विवाह द्वारकानाथ गांगुली के साथ हुआ था जो ब्राह्म समाज के प्रमुख नेता एवं समाजसुधारक थे।
कादम्बिनी गांगुली | |
---|---|
जन्म |
कादम्बिनी बोस 18 जुलाई 1861 भागलपुर,बिहार,ब्रिटिश राज |
मौत |
3 अक्टूबर 1923 (आयु: 63) कोलकाता, ब्रिटिश राज |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा की जगह |
बेथुने कॉलेज कोलकाता विश्वविद्यालय |
पेशा | डॉक्टर, महिला मुक्ति |
गृह-नगर | भागलपुर, बिहार |
जीवनसाथी | द्वारकानाथ गांगुली |
बच्चे |
|
प्रथम महिला जिन्होंने कांग्रेस को संबोधित किया - कदम्बिनी गांगुली है
कादम्बिनी गांगुली का जन्म ब्रिटिशकालीन भारत में 18 जुलाई 1861 ई. में भागलपुर, बिहार में हुआ था। उनका परिवार चन्दसी (बारीसाल, अब बांग्लादेश में) से था। इनके पिता का नाम बृजकिशोर बासु था। उदार विचारों के धनी कादम्बिनी के पिता बृजकिशोर ने पुत्री की शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया। कादम्बिनी ने 1882 में 'कोलकाता विश्वविद्यालय' से बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।[2]
'कोलकाता विश्वविद्यालय' से 1886 में चिकित्सा शास्त्र की डिग्री लेने वाली भी वे पहली महिला थीं।[3] इसके बाद वे विदेश गई और ग्लासगो और ऐडिनबर्ग विश्वविद्यालयों से चिकित्सा की उच्च डिग्रियाँ प्राप्त कीं। देश में भले ही महिलाओं को उच्चतर शिक्षा पाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा हो, लेकिन कादम्बिनी गांगुली के रूप में भारत को पहली महिला डॉक्टर 19वीं सदी में ही मिल गई थी। कादम्बिनी गांगुली को न सिर्फ भारत की पहला महिला फ़िजीशियन बनने का गौरव हासिल हुआ, बल्कि वे पहली साउथ एशियन महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था।[4]
कादम्बिनी का विवाह ब्रह्म समाज के नेता द्वारकानाथ गंगोपाध्याय से हुआ था। द्वारकानाथ महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए पहले से ही प्रयत्नशील थे। कादम्बिनी इस क्षेत्र में भी उनकी सहायक सिद्ध हुईं। उन्होंने बालिकाओं के विद्यालय में गृह उद्योग स्थापित करने के कार्य को प्रश्रय दिया। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं। बंकिमचन्द्र की रचनाएँ उनके भीतर देशभक्ति की भावनाएँ उत्पन्न करती थीं। वे सार्वजनिक कार्यों में भाग लेने लगी थीं।[5]
कांग्रेस के 1889 के मद्रास अधिवेशन में उन्होंने भाग लिया और भाषण दिया। संस्था के उस समय तक के इतिहास में भाषण देने वाली कादम्बिनी पहली महिला थीं। 1906 ई॰ की कोलकाता कांग्रेस के अवसर पर आयोजित महिला सम्मेलन की अध्यक्षता भी कादम्बिनी जी ने ही की थी। महात्मा गाँधी उन दिनों अफ़्रीका में रंगभेद के विरुद्ध 'सत्याग्रह आन्दोलन' चला रहे थे। कादम्बिनी ने उस आन्दोलन की सहायता के लिए कोलकाता में चन्दा जमा किया। 1914 ई॰ में जब गाँधी जी कोलकाता आये तो उनके सम्मान में आयोजित सभा की अध्यक्षता भी कादम्बिनी ने ही की थी।[6]
अपने समय के रूढ़िवादी समाज द्वारा उनकी भारी आलोचना की गई थी। एडिनबग से भारत लौटने और महिलाओं के अधिकारों के लिए अभियान चलाने के बाद, उन्हें परोक्ष रूप से बंगाली पत्रिका बंगबाशी में 'वेश्या' कहा गया। उनके पति द्वारकानाथ गांगुली ने मामले को अदालत में ले लिया और जीत गए, 6 महीने की जेल की सजा संपादक महेश पाल को मिली।[7][8]
उनकी जीवनी पर आधारित एक बंगाली टेलीविजन धारावाहिक प्रोथोमा कादम्बिनी वर्तमान में स्टार जलशा पर मार्च 2020 से प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें सोलंकी रॉय और हनी बाफना मुख्य भूमिका में हैं और ये हॉटस्टार पर भी उपलब्ध है।[9]कादम्बिनी नामक एक और बंगाली श्रृंखला, उषासी रे गांगुली के रूप में अभिनीत, ज़ी बांग्ला पर 2020 में प्रसारित की गई थी।
आनंदीबाई जोशी की तुलना में बहुत अधिक समय तक चिकित्सा का अभ्यास करने के बावजूद, जिन्होंने तपेदिक से मरने से पहले केवल लगभग तीन महीने तक अभ्यास किया था, गांगुली भारत के बाहर व्यापक रूप से ज्ञात नहीं हैं।
१८ जुलाई २०२१ को गूगल ने भारत में अपने होमपेज पर डूडल के साथ गांगुली का 160वां जन्मदिन मनाया।[10][11]
3 अक्टूबर, 1923 में कादम्बिनी गांगुली का देहांत कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में हुआ।
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.