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केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पांच सुरक्षा बलों के नामकरण को संदर्भित करता है [1] [2] भारत में जो गृह मंत्रालय के अधिकार में हैं। वे हैं: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)।[1][2]
भारत का एक प्रमुख अर्धसैनिक बल है एवँ विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है। जिसका गठन 1 दिसम्बर 1965 में हुआ था। इसकी जिम्मेदारी शांति के समय के दौरान भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकना है।[3] इस समय बीएसएफ की 188 बटालियन है और यह 6,385.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है जो कि पवित्र, दुर्गम रेगिस्तानों, नदी-घाटियों और हिमाच्छादित प्रदेशों तक फैली है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है। इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी/घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने की जवाबदेही भी इस पर है।
यह भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। सीआरपीएफ की प्राथमिक भूमिका पुलिस कार्रवाई में राज्य / संघ शासित प्रदेशों की सहायता, कानून-व्यवस्था और आतंकवाद विरोध में निहित है। यह क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में 27 जुलाई 1939 को अस्तित्व में आया। भारतीय स्वतंत्रता के बाद यह 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया।[4]
यह एक अर्धसैनिक बल हैं, जिसका मुख्य कार्य सरकारी कारखानो एवं अन्य सरकारी उपक्रमों को सुरक्षा प्रदान करना है। ये बल देश के विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों की भी सुरक्षा करता है।
यह भारतीय अर्ध-सैनिक बल है। इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1962 में भारत-तिब्बत सीमा की चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से रक्षा हेतु की गई थी। ये बल इस सीमा पर काराकोरम दर्रा से लिपुलेख दर्रा और भारत-नेपाल-चीन त्रिसंगम तक 2115 कि॰मी॰ की लंबाई पर फैली सीमा की रक्षा करता है। आरंभ में इसकी मात्र चार बटालियन की अनुमती थीं, जिन्हें बाद में 1976 में बल की कार्य-सीमा बढ़ाने पर 1978में बढोत्तरी की गई।
संक्षेप में : एसएसबी, SSB, भारत का एक अर्धसैनिक बल है जिसपर 1,751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है तथा 699 किलोमीटर लंबी भारत-भूटान सीमा की जिम्मेवारी भी है। इन दोनों सीमाओ से हथियारों, गोला-बारूद की तस्करी और देश विरोधी तत्वों की अवैध रूप से भारत में आवाजाही का खतरा रहता है।[5]
केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के लिए भारत सरकार द्वारा हाल ही में दो पोर्टल लांच किये गए हैं-
1. CAPF पुनर्वास पोर्टल
2. CAPF eAwas पोर्टल
भारत सरकार द्वारा, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) से सेवानिवृत्त होने वाले जवानों के लिए एक पुनर्वास योजना चलायी गयी है| जिसके तहत CAPF से सेवानिवृत्त इच्छुक जवानों को पुनः कोई रोजगार दिलाने की कोशिश की जाएगी | इसके लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा CAPF पुनर्वास पोर्टल[मृत कड़ियाँ] चालू किया गया है| इस CAPF पुनर्वास पोर्टल के माध्यम से कोई भी सेवानिवृत्त CAPF जवान पुनर्वास यानि अन्य रोजगार के लिए आवेदन कर सकता है| जवान अपनी निपुणता और योग्यता के आधार पर काम चुन सकता है| जवान के आवेदन को सम्बन्धित PSA को अग्रसित कर दिया जाता है| जो जरुरत के आधार पर सीधे जवान से संपर्क करके उन्हें काम दिलाती है| केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के पुनर्वास में इस CAPF पुनर्वास पोर्टल की अहम् भूमिका रहेगी|[6]
CAPF के जवानों की ड्यूटी एक स्थान से दुसरे स्थान में बदलती रहती है जिससे उन्हें रहने के लिए तुरंत सरकारी आवास नहीं मिल पाता था | किन्तु अब CAPF eAwas पोर्टल के माध्यम से जवान दूर रहते हुए आसानी से अपनी अगली तैनाती स्थल में सरकारी आवास (Government Accommodation) के लिए आवेदन कर सकता है| और वहां पहुँचने तक उसे आवास आबंटित हो जायेगा | साथ हो इस पोर्टल के माध्यम से जवान CAPF की किसी दूसरी फ़ोर्स के आवास के लिए भी आवेदन कर सकता है यदि वहां पर आवास खली पड़े हुए हैं तो|[7]
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