खैर (वृक्ष)
पौधे की प्रजाति / From Wikipedia, the free encyclopedia
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अलीगढ़ जिले के खैर शहर के लिए, खैर देखें।
खैर (वानस्पतिक नाम : Senegalia catechu) एक प्रकार का बबूल है जिसे 'कथकीकर' और 'सोनकीकर' भी कहते हैं। यह चीन, भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्री लंका, भूटान, म्यांमार में पाया जाता है।
सामान्य तथ्य खैर, वैज्ञानिक वर्गीकरण ...
खैर | |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | पुष्पी पादप (Angiosperms) |
अश्रेणीत: | युडिकॉट (Eudicots) |
अश्रेणीत: | रोज़िड (Rosids) |
गण: | फ़बालेस (Fabales) |
कुल: | फ़बासिए (Fabaceae)[1] |
वंश: | सेनेगालिया (Senegalia) |
जाति: | S. catechu |
द्विपद नाम | |
Senegalia catechu हन्टर और मैब० | |
खैर का भौगोलिक विस्तार |
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इसका पेड़ बहुत बड़ा होता है और प्राय; समस्त भारत में से पाया जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के खैर शहर मे ये अधिक मात्रा मे पाया जाता है। इसके हीर की लकड़ी भूरे रंग की होती हैं, घुनती नहीं और घर तथा खेती के औजार बनाने के काम में आती है। बबूल की तरह इसमें भी एक प्रकार का गोंद निकलता है और बड़े काम का होता है। इस वृक्ष की लकड़ी के टुकड़ों को उबालकर निकाला और जमाया हुआ रस जो पान में चूने के साथ लगाकर खाया जाता है, खैर या कत्था कहलाता है।