चित्रांगदा नाटक
From Wikipedia, the free encyclopedia
चित्रांगदा नाटक महाभारत से ली हुई एक कहानी है जिसे रबिन्द्र्नाथ टैगोर ने नाट्य रूप दिया। सन १८९२ मे रचाइ हुइ एक पौराणिक नाटक है। इस नाटक मै कुछ किरदार को बदला गया है ताकि उसमे नया रूप लाया जा सके। यह नाटक के रूप मे वास्तव मे एक काव्य हैं। इस नाटक को रबिनद्रा सदन के नृतक समाज ने कोलकता मे दृशाया था। यह मनिपुर की राजदुहिता चित्रांगदा और अर्जुन की प्रेम-लीला के साथ आधुनिक काल की औरत की कीर्ति को दर्शता है। इस नाटक का चीत्रा के नाम से अंग्रेजी मे अनुवद किया गया है। इस नाटक के मुख्य कलाकार चित्रंगदा, अर्जुन, वसंत देव और मदन देव है। यह नाटक काव्य के साथ सामाजिक इतिहास में भी अपना स्थान प्रकट करता है। यह नाटक ग्यराह द्र्श्य मै विभजीत है।[1]
इस लेख को व्याकरण, शैली, संसंजन, लहजे अथवा वर्तनी के लिए प्रतिलिपि सम्पादन की आवश्यकता हो सकती है। आप इसे संपादित करके मदद कर सकते हैं। (फ़रवरी 2014) |