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मोटर गाड़ी विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
टाटा इंडिका टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित एक भारतीय हैचबैक कार है। यह मॉडल यूरोप एवं दक्षिण अफ्रीका भी निर्यात किया जाता है। इंग्लैंड में यह एम जी रोवर ग्रुप द्वारा सिटी रोवर नाम से निर्यात किया जाता रहा है। दिनाँक ३० दिसंबर १९९८ को टाटा मोटर्स (पूर्व में टैल्को) द्वारा प्रस्तुत यह किसी भारतीय कम्पनी द्वारा बनाई गई अत्याधुनिक कार थी। इसका प्रवर्तन नारा था:
द बिग...स्मॉल कार एवं मोर कार पर कार
इस विज्ञापन में बड़े अंतस्थ एवं वहन करने योग्य वाहन क्षमताओं पर जोर दिया गया था। एक सप्ताह के भीतर ही कम्पनी को १,१५,००० बुकिंग्स [तथ्य वांछित] प्राप्त हुईं। और अगले दो वर्षों में यह इस खण्ड की सर्वश्रेष्ठ कार बन गई।
निर्माता | टाटा मोटर्स |
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अन्य नाम | सिटी रोवर (अब चलन में नहीं) |
उत्पादन | १९९८–अब तक चालू |
श्रेणी | सुपर मिनी कार/सिटी कार |
बॉडी शैली(याँ) | ५ द्वार हैचबैक मोटरगाड़ी |
खाका | एफ एफ लेआउट |
इंजन |
१.२ ली I4 १.४ ली. I4 १.४ ली. डीज़ल I4 १.४ ली. टर्बोडीजल I4 |
ट्रांस्मिशन | ५-गति, हस्त चालित |
संबंधित | टाटा इंडिगो |
अभिकल्पना | इटैलियन डिज़ाइन संस्थान |
टाटा मोटर्स द्वारा आंशिक रूप से रूपांकित एवं अभिकल्पित, यह पाँच द्वार सुसंहत (कॉम्पैक्ट) हैचबैक कार १.२ एवं १.४ ली. पैट्रोल या डीज़ल दोनों में उपलब्ध है। यह एक भारत में ही विकसित इंजन है, जो कि टाटा ने पहले भी अपने कई वाहनों में अपार सफलतापूर्वक प्रयोग किया है। इसमें वातानुकूलन, पॉवर विंडो इत्यादि सुविधाएं पहली बार दी गईं थीं, जो कि अब तक केवल ऊँची कीमत वाली आयातित कारों में ही होतीं थीं। तीन वर्ष बाद २००३ में इंडिका यूरोपियन बाजारों में भी पहुँची। जैसा प्रायः लोगों की धारण थी, ये कार पूर्ण-रूपेण पूर्ण रूपेण गृह निर्मित नहीं थी। बाहरी पर्त (बॉडी) इटैलियन डिजाइन संस्थान में टाटा मोटर्स से अनुबंध पर उनकी गृह रूपांकन टीम द्वारा अच्छे इन्टरैक्शन के उपरांत बनवाई जाती थी। हाँ इंजन अवश्य पूर्णतया स्वदेशी था।
२००४ के आरंभ में टाटा मोटर्स ने दक्षिण अफ़्रीका के बाजार पर भी आंशिक कब्जा जमा लिया। ऐसा वहां टेल्कोलाइन २x४ एवं ४x४ पिक-अप ट्रक के वहां के बाजार भाव से कहीं कम कीमत पर उतारने से हुआ था। २००४ के अंत तक टाटा ने वहां टाटा इंडिका एवं टाटा इंडिगो भी उतारी, जिसका लक्ष्य युवा चालक वर्ग था। २००५ के मध्य तक टाटा मोटर्स की रिपोर्ट्स के अनुसार वे द.अफ़्रीका के सबसे प्रगतिशील वाहन ब्रांड थे।
२००५ मे टाटा मोटर्स ने इंडिका मे TCIC डीजल इंजन का ऑप्शन दिया था। इसके बाद टाटा मोटर्स ने २००५ मे टाटा इंडिका का सिलहाउएत्ते(Silhoette) कॉन्सेप्ट को दिल्ली ऑटो एक्सपो में अनविल किया गया था।
अन्य नाम | इंडिका वी३ |
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उत्पादन | २००८-वर्तमान |
बॉडी शैली(याँ) | ५-द्वार हैचबैक |
इंजन |
१.२ ली. 65 अश्वशक्ति (48 कि॰वाट)FIRE I4 १.४ ली. 71 अश्वशक्ति (53 कि॰वाट) टर्बो डीज़ल I4 १.३ ली. 75 अश्वशक्ति (56 कि॰वाट) जे.टी.डी I4 |
ट्रांस्मिशन | ५-गति मैन्युअल |
en:Wheelbase पहिये का व्यास | २४७० मि.मी |
लंबाई | ३७९५ मि.मी |
चौड़ाई | १६९५ मि.मी |
ऊंचाई | १५५० मि.मी |
अभिकल्पना | टाटा मोटर्स, वी२ का विकास |
इंडिका विस्ता का अनावरण ९वें ऑटो-एक्स्पो, नई दिल्ली में किया गया था। ये पुरानी इंडिका का पुनर्निर्माण (फेसलिफ्ट) नहीं है, बल्कि पूर्णतया नये प्लैटफॉर्म पर बनी एकदम नयी कार है, जिसमें इंडिका जैसा कुछ भी नहीम है। ये पिछली इंडिका ने बड़ी है और 3,795 मि॰मी॰ (149.4 इंच) लंबी तथा 2,470 मि॰मी॰ (97.2 इंच) चक्र-व्यास सहित है। इंडिका विस्ता में दो नये इंजन हैं: १.३ ली. क्वांड्राजेट कॉमन रेल डायरेक्ट इन्जेक्शन डीज़ल इंजन एवं १.२ ली. सैफ़ायर एमपीएफ़आई वीवीटी पेट्रोल इंजन है। ये १.४ ली. टर्बो डीज़ल इंजन में भी उपलब्ध है। क्वांड्राजेट इयैट जेटीडी इंजन का उत्पादन राजनंदगांव में टाटा-फियेट ज्वाइंट-वेंचर द्वारा होता है।[1] इंडिका विस्ता, इंडिका वी३ के नाम से अगस्त २००८ में आरंभ हुई थी। The Indica Vista, rumoured as the Indica V3 till then, was launched in August 2008[2] इंडिका की दूसरी पीढ़ी में कंपनी ने इसके नाम को भी बदल दिया और नई कार का नाम इंडिका विस्ता रखा है। इंडिका ज़ीटा से अलग-थलग दिखने के लिए ही इसे नया नाम दिया गया है। टाटा मोटर्स के अनुसार इंडिका विस्ता आने के बाद भी इंडिका का उत्पादन बंद नहीं किया जाएगा और दोनों कारों की बिक्री जारी रखी जाएगी। यह अवश्य है कि इंडिका विस्ता पर अब कंपनी ज्यादा जोर देगी, ताकि मारुति सुजुकी की स्विफ्ट और हुंडई की गेट्ज तथा आई-१० की टक्कर में इसे खड़ा किया जा सके। नई इंडिका विस्ता पुरानी इंडिका की तुलना में कुछ बड़े आकार की है व इसमें फिएट कंपनी से मिला इंजन लगाया गया है। इस इंजन के पेट्रोल से चलने वाले संस्करण को सैफायर कहा जा रहा है। इसमें डीजल से चलने वाला क्वाड्राजेट इंजन और टाटा का जाना पहचाना टर्बो डीजल इंजन भी लगाये जाने की संभावना है। इस कार को टाटा-फिएट के रंजनगांव संयंत्र में बनाई जाएगी। इस पर ४०२० करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।
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