Loading AI tools
विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच २४३० किमी॰ लम्बी अन्तरराष्ट्रीय सीमा का नाम डूरण्ड रेखा (Durand Line ; पश्तो : د ډیورنډ کرښه) है। यह 'रेखा' १८९६ में एक समझौते के द्वारा स्वीकार की गयी थी। यह रेखा पश्तून जनजातीय क्षेत्र से होकर दक्षिण में बलोचिस्तान से बीच से होकर गुजरती है। इस प्रकार यह रेखा पश्तूनों और बलूचों को दो देशों में बाँटते हुए निकलती है। भूराजनैतिक तथा भूरणनीति की दृष्टि से डूरण्ड रेखा को विश्व की सबसे खतरनाक सीमा माना जाता है। अफगानिस्तन इस सीमा को अस्वीकार करता रहा है।
डूरण्ड रेखा | |
---|---|
विशेषताएँ | |
Entities | अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान |
लंबाई | 2,670 कि॰मी॰ (8,760,000 फीट) |
इतिहास | |
स्थापित | 12 November 1893 Signing of the Durand Line Agreement at the end of the first phase of the द्वितीय आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध |
वर्तमान आकार | 8 August 1919 1919 का आंग्ल-अफ़ग़ान संधि ratified at the end of the तृतीय आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध. |
Treaties | Treaty of Gandamak, Durand Line Agreement, Anglo-Afghan Treaty of 1919 |
अफगानिस्तान चारों ओर से जमीन से घिरा हुआ है और इसकी सबसे बड़ी सीमा पूर्व की ओर पाकिस्तान से लगी है, इसे डूरण्ड रेखा कहते हैं। यह 1893 में हिंदुकुश में स्थापित सीमा है, जो अफगानिस्तान और ब्रिटिश भारत के जनजातीय क्षेत्रों से उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों को रेखांकित करती हुयी गुजरती थी। आधुनिक काल में यह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा है। भारत (पी0 ओ0 के0) और अफगनिस्तान बीच भी डुरंड रेखा 106 किमी लंबि सीमा है जो की अपवाद का विषय है।
इस रेखा का नाम सर मार्टिमेर डूरण्ड के नाम पर रखा गया है जिन्होने अफगानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान खाँ को इसे सीमा रेखा मानने पर राजी किया था।
1849 में पंजाब पर कब्जा कर लेने के बाद ब्रिटिश सेना ने बेतरतीबी से निर्धारित सिक्ख सीमा को सिंधु नदी के पश्चिम की तरफ खिसका दिया, जिससे उनके और अफगानों के बीच एक ऐसे क्षेत्र की पट्टी रह गयी, जिसमें बिभिन्न पश्तो (पख्तून) कबीले रहते थे। प्रशासन और रक्षा के सवाल पर यह क्षेत्र हमेशा एक समस्या बना रहा। कुछ ब्रिटिश, जो टिककर रहने में यकीन रखते थे, सिंधु घाटी में बस जाना चाहते थे, कुछ आधुनिक विचारों वाले लोग काबूल से गजनी के रास्ते कंधार चले जाना चाहते थे। दूसरे भारत-अफगान युद्ध (1878-80) से आधुनिक सोच वालों का पलड़ा हल्का हो गया और जनजातीय क्षेत्र में विभिन्न वर्गों का प्रभाव लगभग बराबर सा हो गया। ब्रिटेन ने अनेक जनजातीय युद्ध झेलकर डूरण्ड रेखा तक अप्रत्यक्ष साशन द्वारा अपना अधिकार फैला लिया। अफगानों ने अपनी तरफ के क्षेत्रों में कोई बदलाव नहीं किया। 20 वीं शताब्दी के मध्य में रेखा के दोनों ओर के इलाकों में पख्तूनों का स्वाधीनता आंदोलन छिड़ गया और स्वतंत्र पख्तूनिस्तान की स्थापना हो गयी। 1980 में डूरण्ड रेखा के आसपास के इलाकों में लगभग 75 लाख पख्तून रह रहे थे।[1]
केन्द्रीय तथा उत्तरपूर्व की दिशा में पर्वतमालाएँ हैं जो उत्तरपूर्व में ताजिकिस्ताऩ स्थित हिन्दूकुश पर्वतों का विस्तार हैं। अक्सर तापमान का दैनिक अन्तरण अधिक होता है।
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.