दादरा और नगर हवेली
भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश। / From Wikipedia, the free encyclopedia
दादरा और नगर हवेली (गुजराती: દાદરા અને નગર હવેલી, मराठी: दादरा आणि नगर हवेली, पुर्तगाली: Dadrá e Nagar Aveli) भारत का एक क्षेत्र है। यह पहले एक केन्द्र शासित प्रदेश था और अब दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश का भाग है। यह दक्षिणी भारत में महाराष्ट्र और गुजरात के बीच स्थित है, हालाँकि दादरा, जो कि इस प्रदेश कि एक तालुका है, कुछ किलोमीटर दूर गुजरात में स्थिति एक विदेशी अन्तः क्षेत्र है। सिलवासा इस प्रदेश की राजधानी है। यह क्षेत्र दमन से 10 से 30 किलोमीटर दूर है। [2]
भारत का केन्द्र-शासित प्रदेश | |
राजधानी | दमन |
सबसे बड़ा शहर | सिलवास |
जनसंख्या | 5,85,764 |
- घनत्व | 970 /किमी² |
क्षेत्रफल | 603 किमी² |
- ज़िले | 3 |
राजभाषा | हिन्दी, गुजराती, मराठी[1] |
गठन | 11 अगस्त 1961 |
सरकार | |
- प्रशासक | प्रफुल्ल खोदा पटेल |
- उपराज्यपाल | |
- मुख्यमंत्री | |
- विधानमण्डल | |
- भारतीय संसद | लोक सभा (1 सीट) |
- उच्च न्यायालय | मुम्बई उच्च न्यायालय |
डाक सूचक संख्या | 396 |
वाहन अक्षर | DN |
आइएसओ 3166-2 | IN-DN |
www |
इस प्रदेश पर 1779 तक मराठाओं का और फिर 1954 तक पुर्तगाली साम्राज्य का साशन था। इस संघ को भारत में 11 अगस्त 1961 में शामिल किया गया।[3] 2 अगस्त को मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है।[4]
दादरा और नगर हवेली प्रमुख रूप से ग्रामीण क्षेत्र है जिसमे 62% से अधिक आदिवासी रहते है।[5] संघ राज्य क्षेत्र 40 प्रतिशत हिस्सा आरक्षित वनों से घिरा है जो नाना प्रकार के वनस्पति और पशु को निवास प्रदान करते है।[6] समुद्री तट से समीपता के कारण, गर्मियों में तापमान ज्यादा ऊपर नहीं जाता। दमनगंगा यहाँ की प्रमुख नदी है जो अरब सागर में जाकर मिलती है।
घने वन तथा अनुकूल जलवायु को देखते हुए यहाँ पर्यटन क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता दी गई है। यात्रियों के ठहरने के लिए अनेक होटल्स और रिज़ॉर्ट्स हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर साल तारपा उत्सव, पतंग उत्सव और विश्व पर्यटन दिवस आदि आयोजित किए जाते हैं।[3] पर्यटन स्थल होने के साथ साथ ये एक महत्वपूर्ण ओद्योगिक केन्द्र भी है। प्रदेश में कुल तीन ओद्योगिक व्ययस्थापन मौजूद हैं जिनमे कुल 290 प्लाट हैं।[7]