न्याय
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न्याय (अंग्रेजी-justice) अपने व्यापक अर्थ में, यह विचार, अवधारणा या संप्रत्यय है कि लोगों को वह मिले जिसके वे योग्य या पात्र हों, इस व्याख्या के साथ कि "कोई व्यक्ति किसके योग्य है", कई क्षेत्रों व अलग-अलग दृष्टिकोणों द्वारा प्रभावित होता है, जिसमें नैतिकता, तर्कसंगतता, कानून, धर्म , इक्विटी (साम्यता) और निष्पक्षता पर आधारित नैतिक शुद्धता की अवधारणाएं भी शामिल हैं।[1][2] राज्य कभी-कभी न्यायालयों का संचालन करके और उनके निर्णयों को लागू करके न्याय बढ़ाने का प्रयास करता है। अन्य शब्दों में नैतिकता, औचित्य, विधि (कानून), प्राकृतिक विधि, धर्म या समता के आधार पर 'उचित' होने की स्थिति को न्याय कहते हैं।