परिधीय दृष्टि
From Wikipedia, the free encyclopedia
परिधीय दृष्टि (peripheral vision) दृश्य बोध का वह भाग है जो आँखों के सीधा आगे नहीं बल्कि वे जहाँ ताक रहीं हों उसके किनारों पर प्रयोग होता है। इसे अक्सर "समीपी परिधीय" (near-peripheral), "मध्य परिधीय" (mid-peripheral) और "दूर परिधीय" (far peripheral) में बांटा जाता है।[1][2]