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विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
फलों की जेली या मुरब्बा, फलों, सब्जियों और चीनी को मिश्रित करके बनाई गैइ खाद्य वस्तु है जिसे प्रायः काँच के बर्तनों में रखा जाता है। s.
प्रकार | Spread |
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मुख्य सामग्री | Fruits or vegetables; sugar, honey or pectin |
खाद्य ऊर्जा (per परोस) | 257 kcal (1076 kJ) |
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फलों को टिकाऊ बनाये अथवा अधिक दिनों तक रखने में काफी अडचनें आतीं हैं। इसके अलावा सभी फल सभी जगह और सभी समय उपलब्ध नहीं होते। इसलिए उपलब्ध फलों से जैली तैयार कर अधिक दिनों तक उपयोग में लाया जा सकता है।१|
जैली बनाने के लिए ऐसे फल लेने चाहिए जो पकने की अवस्था में हो | यदि किसी कम पेक्टिन वाले फल से जैली बनानी हो तो उसके साथ कुछ मात्रा में अधिक पेक्टिन वाला फल भी मिला देना चाहिए या व्यवसायिक पेक्टिन चूर्ण मिलाकर जैली बनाई जा सकती है | जैली बनाने के लिए ताजे फलों का प्रयोग करना चाहिए | फलों को तोड़कर लम्बे समय पर के लिए रख दिया जाय तो इसमें पेक्टिन का ह्रास होने लगता है | ऐसे फल जिनमें पेक्टिन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है वे हैं – अमरुद, सेब, करौंदा, आम, पटुवा, कैथा, खट्टे प्लम, खट्टे अंगूर, निम्बू, संतरा, गलगल, आदि |
फलों को धोना : फल के ऊपर धूल ,मिट्टी,जंतुनाशक निकालने के लिए फलों को अच्छी तरह धोना चाहिए।
जन्तुरहित करना : सामाग्रीयोन के उपकरणों का उपयोग करके उबाले हुये पानी में जंतुरहित करना चाहिए।
फल से पेक्टिन प्राप्त करने, अधिकतम रस प्राप्त करने और फल में खुशबु पैदा करने वाले पदार्थों की उपलब्धि के लिए, इन्हें उबला या पकाया जाता है I पेक्टिन प्राप्त करने के लिए फलों में पानी भी मिलाया जाता है I पानी की मात्रा फल के रसीलेपन पर निर्भर करती है I फलों को काटकर माध्यम आकार के एक जैसे टुकड़े करों | इन टुकडों को उतना पानी डालकर गरम करो जीतने पानी मे आसानी से वे डूब जाएँ | अधिक रसदार फलों में पानी मिलाने की जरुरत नहीं होती है I केवल उन्हें कुचल करके और 5 – 10 मिनट तक उबालकर रस निचोड़ लिया जाता है I कड़े फल जैसे – सेव, अमरुद, कटहल, नारंगी इत्यादि में पानी मिलाने की जरुरत होती है I सेव में आधे से पूरे फल के वजह के बराबर पानी, अमरुद, नारंगी व निम्बू में फल के वजह का डेढ़ से 2 गुना पानी मिलाया जाता है अमरुद तथा सेव में सामान्यतः प्रति किलो फल में एक से सवा किलो तक पानी मिलाकर 30 – 40 मिनट तक धीमी आँच पर पकाना चाहिए I पकाने का कार्य घरेलू स्तर पर धुंआ रहित भट्टी या स्टोव में अल्युमिनियम के भगोने में करना चाहिए I पानी मिलाने से पहले ही इन्हें बिना छिले ही छोटे – छोटे टुकड़ों में करना चाहिए I पानी मिलाने से पहले ही इन्हें बिना छिले ही छोटे – छोटे टुकड़ों में काट लेना चाहिए I निम्बू वर्गीय का बाहरी पिला भाग चाकू से छील देना चाहिए I तत्पश्चात फलों के छोटे – छोटे टुकड़ों में काटकर व दो गुना पानी मिलाकर 40 – 50 मिनट तक पकाना चाहिए पकाने से फल में उपस्थित पेक्टिन घुलकर पानी में आ जाती है I इसे बारीक मलमल के कपड़े में छान लेना चाहिए ताकि रस स्वयं ही टपककर निकल जाय I पेक्टिन निचोड़ में गुदा नहीं आनी चाहिए I
उबालने का समय फल की किस्म और गठक पर निर्भर करता है I फल को इतना उबालना चाहिए कि वह नम होकर, पेक्टिनयुक्त रस का पूर्ण निष्कर्षण होने दें I सामान्यतः सेब को 20 से 30 मिनट, अमरुद को 30 से 40 मिनट मिनट, नारंगी को 30 से 60 मिनट, सरस फलों को 5 से 10 मिनट तक उबाला जाता है I अधिक उबालने से रस धुंधला हो जाता है I
द्रव्य दूधिया हो जाने पर उसे कपड़े से छान लेना चाहिए |कपड़े में फलों के टुकड़े रह जाएंगे और बर्तन मे पेक्टिन अर्क रहेगा |फलों के इन टुकड़ों में फिर से पानी डालकर उबालों |द्रव्य दूधिया हो जाने पर फिर उसे छानो और पेक्टिन अर्क अलग करों | इस अर्क को कुछ घंटे तक इसी तरह रखिए |उपर्युक्त पानी को निकालें इस पानी से पेक्टिन की मात्रा निश्चित करकेनिम्नलिखित जांच करो |
उत्तम श्रेणी की पेक्टिन हो तो तीन चौथाई शक्कर डालनी चाहिए |मध्यम श्रेणी के पेक्टिन हो तो अर्क से कम मात्रा मे शक्कर डालनी चाहिए | अम्ल डालकर धीमे आंच पर पकाना चाहिए।
रस मे पेक्टिन का जांच क्र्ना : कटोरी मे 1 टी स्पून पेक्टिन अर्क लेकर उसमें 2 टी स्पून स्पिरिट मिलाओं |इस मिश्रण को हिलाओं और कुछ मिनट तक रखो |जब एक ठोस गोली बन जाए तो समझ लों की उत्तम श्रेणी का पेक्टिन है |यदि नर्म गोली तैयार हो तो समझ लो की यह मध्ययम श्रेणी का पेक्टिन है |गाढ़ा द्रव्य तैयार हो तो समझ लो की पेक्टिन की मात्रा बिलकुल कम है।
रस में कितनी पेक्टिन है, इसकी जाँच करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि पेक्टिन की मात्रा के अनुसार ही इसमें चीनी मिलाई जाती है I रस में पेक्टिन की जाँच करने की दो विधियाँ हैं –
एक काँच के गिलास में ठण्डा किया हुआ एक चम्मच रस डालिए I इसमें दो चम्मच स्प्रिट डालने से रस में उपस्थित पेक्टिन जम जाएगी I लगभग एक मिनट बाद उसे सावधानी से एक प्लेट में गिरना चाहिए I यदि यह एक ठोस थक्के के रूप में गिरे तो समझना चाहिए कि इसमें पेक्टिन ठीक मात्रा में है I यानि रस में उतम श्रेणी का पेक्टिन हैं I यदि गिरते समय थक्के के रूप में गिरकर दो – तीन टुकड़ों में हो जाय तो रस में मध्यम श्रेणी की पेक्टिन समझानी चाहिए I यदि इसमें कई छोटे –छोटे टुकड़े बन जाय तो यह निम्न श्रेणी के पेक्टिन की सूचक है।
रस में चीनी पेक्टिन की जाँच के अनुसार मिलाई जाती है I उतम श्रेणी की पेक्टिन के लिए प्रति लीटर रस में एक किलो ग्राम चीनी मिलाई जाती है I मध्यम श्रेणी वाले रस में प्रति लीटर 750 ग्राम चीनी मिलाई जाती है I चीनी मिलाने के बाद रस को पकाने रख देना चाहिए I पकाना एक महत्वपूर्ण कदम है I इससे शर्करा घुल जाती है तथा शर्करा, पेक्टिन और अम्ल अच्छी तरह मिल जाते हैं, जिससे जैली जम जाती है I इसका मुख्य कारण शर्करा सांद्रण को इतना बढ़ाना है कि जैली जम जाय I जैली पकाने का कार्य कम से कम समय में पूरा होना चाहिए I अधिक पकाने से सुगंध की कमी, बदरंग और पेक्टिन का जल – अपघटन हो जाता है, जिससे जेली जम नहीं पाती है I जब चीनी घुल जाय तो उसे मलमल के कपड़े से छान लेना चाहिए ताकि चीनी की गंदगी दूर हो जाय I अब इसे तेज आग पर पकाना चाहिए ताकि लगभग 30 मिनट में जैली पककर तैयार हो जाय I प्रायः समापन बिन्दु पर पहुँचने से पहले जेली में अम्ल मिलाया जाता है, पाहिले नहीं I इससे उत्पाद का रंग हल्का रहता है तथा पेक्टिन का जलापघटन भी कम हो जाता है I पकाते समय उफान को रोकने के लिए थोड़ा सा खाने लायक परन्तु गंधरहित तेल इस्तेमाल किया जा सकता है I
अम्ल/खट्टास मिलाना – खट्टास की एक निश्चित मात्रा से ही जैली जमती है I कुछ फलों में यह पर्याप्त मात्रा में बिधमान रहती है लेकिन कुछ में इसकी मात्रा कम रहती है I इसलिए जिन फलों में खट्टास कम होती है उनमें प्रति किलो ग्राम चीनी में 5 – 7 ग्राम खट्टास मिलानी चाहिए ताकि जैली तैयार हो जाने पर उसमें खट्टास की मात्रा 75 प्रतिशत बनी रहे I खट्टास अम्ल के रूप में मिलाई जाती है I खट्टास जैली तैयार होने के लगभग 5 – 6 मिनट पहले मिलानी चाहिए I
बोतलों में भरना – जब जैली तैयार हो जाय तो भगोने की आग से उतारकर मैल की परत हटा देनी चाहिए I मैल की परत हटाने के लिए छेद वाली कलछी का प्रयोग करना चाहिए I जैली को गरम – गरम ही स्टरलाइज किया हुए चौड़े मुँह की बोतल में ऊपर तक भर दीजिए I ठण्डा होने पर जैली दही जैसी जम जाएगी तथा सिकुड़कर लगभग 1 सेंटीमीटर स्थान खली रह जाएगा I अब मोम पिघलाकर बोतल में डाल दीजिए I ऐसा करने से यह बोतल सील बन्द हो जाएगी I उसमे नमी नहीं प्रवेश कर पाएगी I
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