बीइंग ह्यूमन फ़ाउन्डेशन
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बीइंग ह्यूमन फ़ाउन्डेशन एक मुंबई-स्थित समाज-कल्याण संस्था है जिसकी स्थापना बॉलिवुड के सितारे सलमान खान ने १४ जनवरी २००७ में मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर की थी। यह संस्था भारत के पिछड़े हुए और गरीब लोगों की शिक्षा और उनके स्वस्थ्य का खर्च उठाती है।[1] [2] संस्था के अनुदान का मुख्य स्रोत बीइंग ह्यूमन ब्रांड की वस्तुओं की बिकरी है, जिनसे २०१६ में ३०० करोड़ रुपिये प्राप्त हुए थे।[3]
संस्थापक | सलमान खान |
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प्रकार | पिछड़े हुए लोगों के लिए शिक्षा और स्वस्थ्य |
स्थापना वर्ष | 2007 |
कार्यालय | मुंबई |
सेवाक्षेत्र | भारत |
उत्पादन | कपड़े और घड़ियाँ |
सेवाएँ | शिक्षा, रोज़गार और इलाज |
विशेष ध्येय | पिछड़े हुए/ गरीब बच्चे |
तरीक़ा | सीधा प्रशिक्षण, इलाज के लिए अनुदान, दिव्यांगों के लिए विशेष प्रबंध |
मालिक | सलमान खान |
वेबसाइट |
www |
फ़ाउन्डेशन कई नि:शुल्क कार्यों का समर्थन करता है। यह मुंबई के अक्षरा हाई स्कूल के २०० बच्चों शिक्षा का खर्च उठाता है। इसके अतिरिक्त ३०० बच्चों का खर्च मुंबई की ग़ैर-लाभकारी संस्था असीमा के माध्यम से भी उठाया जाता है। फ़ाउन्डेशन वीर (VEER) पहल को भी अनुदान प्रदान करता है जिसके कार्यक्रम से दिव्यांगों को अत्म-निर्भर बनाने के प्रयास किए जाते हैं। दिसम्बर २०१५ तक इस कार्यक्रम के अंतरगत १९०९ व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया था, जिनमें से ११९४ ने रोज़गार भी पा लिया था। संस्था ऐसे कार्यक्रमों को भी प्रारंभ कर चुकी है जिनसे विद्यार्थियों की मूल क्षमताओं का विकास किया जाता है और इस दिशा में कैरियर विकास केन्द्रों को गठित किया गया है।[2]
बीइंग ह्यूमन जन्मजात हृदय दोष और जन्मजात खोपड़ी से जुड़े दोषों से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए अनुदान प्रदान किया है। उसने महाराष्ट्र में खूखे से पीड़ितों की सहायता की है और कश्मीर में तूफ़ान से पीड़ित लोगों को रज़ाइयाँ पहुँचाई हैं, मुफ़्त आँखों के कैंपों का आयोजन किया है जहाँ मोतियाबिन्द शल्यचिकित्साओं की सुविधा प्रदान की गई। मुंबई में उसने अस्थि मज्जा अनुदानकर्ताओं के पंजीकरण कैंपों में भी सहायक रही है।[4]
२०१८ में बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने धमकी दी कि वह इस संस्था का नाम काली सूची में लिख देगी अगर अपोहन (dialysis) मशीनों को बांद्रा में नहीं लगाए।[5][6] यह परियोजना एक सार्वनिक-निजी साझेदारी थी जिसमे नगरपालिका सरकार जगह मुहय्या करवाने वाली थी जबकि फ़ाउन्डेशन कम-खर्च अपोहन सुविधा और कर्मचारियों को बनाए रखने वाला था। फ़ाउन्डेशन ने इस बात से इंकार किया कि संस्था ने कभी भी कोई नगरपालिका के साथ औपचारिक समझौते पर उसने हस्ताक्षर किए थे। [5][6]