बेथलहम
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बैतलहम (अरबी: بَيْتِ لَحْمٍ, Bayt Laḥm सहायता·सूचना, यानी “माँस का घर"; इब्रानी: בֵּית לֶחֶם, बेत लेख़ेम (Beit Lehem), यानी "खाने या रोटी का घर" यूनानी : Βηθλεέμ बैथलेएम (Bethleém)) मध्य वेस्ट-बैंक में, येरुशलम से लगभग 10 किलोमीटर (6 मील) दक्षिण में स्थित एक फ़िलस्तीनी शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग 30,000 है।[4][5] यह फ़िलस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण (Palestinian National Authority) के बैतलहम शासकीय-क्षेत्र (Bethlehem Governorate) की राजधानी और फ़िलस्तीनी संस्कृति व पर्यटन का केंद्र है।[6][7] हिब्रू बाइबिल में बीट लेहम (Beit Lehem) की पहचान डेविड के शहर के रूप में और स्थान के रूप में की गई है, जहां इस्राइल के राजा के रूप में उसका राज्याभिषेक किया गया था। मैथ्यू (Matthew) व ल्यूक (Luke) द्वारा नए करार पर दिये गये धर्मोपदेशों में बैतलहम को नासिरे के ईसा (Jesus of Nazareth) का जन्मस्थान बताया गया है। विश्व के सबसे प्राचीन ईसाई समुदायों में से एक इस शहर में निवास करता है, हालांकि उत्प्रवास के कारण इस समुदाय का आकार सिकुड़ गया है।
बैतलहम | |
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अन्य transcription(s) | |
• अरेबिक | بيت لحم |
• और | Beit Lahm[1] (आधिकारिक) Bayt Lahm (अनाधिकारिक) |
प्रशासनिक | बेथलहम |
शासन | |
• प्रणाली | शहर (१९९५ से) |
• नगर प्रमुख | Victor Batarseh[2] |
जनसंख्या (२००७) | |
• न्याय व्यवस्था | 25,266[3] |
नामका अर्थ | house of meat (Arabic); house of bread (Hebrew) |
वेबसाइट | www.bethlehem-city.org |
सन 529 ईस्वी में समारियाई लोगों द्वारा, उनके विद्रोह के दौरान, इस शहर में लूट-पाट की गई थी, लेकिन यूनानी शासक जस्टिनियन प्रथम द्वारा इसका पुनर्निर्माण करवाया गया। सन 637 ईस्वी में ‘उमर इब्न-अल-खताब की अरब खलीफाई ने बेथलहम पर विजय प्राप्त की और उसने इस शहर के धार्मिक तीर्थ-स्थलों की सुरक्षा का आश्वासन दिया. सन 1099 में, धर्म-योद्धाओं ने बेथलहम पर कब्ज़ा करके इसकी किले-बंदी कर दी और इसके ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पादरी के स्थान पर एक लैटिन पादरी नियुक्त कर दिया. मिस्र व सीरिया के सुल्तान सलादिन द्वारा इस शहर पर कब्ज़ा किये जाने पर इन लैटिन पादरियों को निष्कासित कर दिया गया। सन 1250 ईस्वी में मामलुकों के आगमन के साथ ही इस शहर की दीवारें ढहा दीं गईं और बाद में ऑटोमन राजवंश के शासन के दौरान उन्हें फिर से बनाया गया।[8]
प्रथम विश्व-युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने उस्मानियों से इस शहर का नियंत्रण छीन लिया और 1947 में फिलीस्तीन के लिये बनी संयुक्त राष्ट्र संघ की विभाजन योजना (संयुक्त राष्ट्र Partition Plan for Palestine) के तहत इसे एक अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में शामिल किया जाना था। सन 1948 के अरब-इसराइल युद्ध में उर्दुन ने इस शहर पर अधिकार कर लिया। सन 1967 के छः दिवसीय युद्ध में इसराइल ने इस पर क़ब्जा कर लिया। सन 1995 से, बैतलहम पर फ़िलस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण (Palestinian National Authority) का नियंत्रण है।[8]
बैतलहम में मुस्लिम बहुमत है, लेकिन यह सबसे बड़े फिलिस्तीनी ईसाई समुदायों में से एक का घर भी है। बेथलहम संकुलन में बीट जाला (Beit Jala) और बीट सहौर (Beit Sahour) व साथ ही 'ऐदा ('Aida) एवं अज़्ज़ा (Azza) के शरणार्थी शिविर भी शामिल हैं। बेथलहम का मुख्य आर्थिक भाग पर्यटन है, जो क्रिसमस के मौसम में अपने शिखर पर होता है, जब ईसा के जन्मस्थान के चर्च (Church of the Nativity) में ईसाई तीर्थयात्रियों की भीड़ लग जाती है। बेथलहम में तीस से अधिक होटल व तीन सौ हस्तकला के कारखाने हैं।[9] रैशेल की समाधि, एक महत्वपूर्ण यहूदी पवित्र स्थल, बेथलहम के प्रवेश द्वार पर स्थित है।