बैसाखी
सिखों का नववर्ष / From Wikipedia, the free encyclopedia
बैसाखी का अर्थ वैशाख माह का त्यौहार है।[1] यह वैशाख सौर मास का प्रथम दिन होता है। बैसाखी वैशाखी का ही अपभ्रंश है।[2] इस दिन गंगा नदी में स्नान का बहुत महत्व है। हरिद्वार और ऋषिकेश में बैसाखी पर्व पर भारी मेला लगता है।[3] बैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में संक्रमण करता है । इस कारण इस दिन को मेष संक्रान्ति भी कहते है।[4] इसी पर्व को विषुवत संक्रान्ति भी कहा जाता है।[5] बैसाखी पारम्परिक रूप से प्रत्येक वर्ष 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। यह त्योहार हिन्दुओं, बौद्ध और सिखों के लिए महत्वपूर्ण है। वैशाख के पहले दिन पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के अनेक क्षेत्रों में बहुत से नव वर्ष के त्यौहार जैसे जुड़ शीतल, पोहेला बोशाख, बोहाग बिहू, विशु, पुथण्डु मनाये जाते हैं।
सामान्य तथ्य बैसाखी, अन्य नाम ...
बैसाखी | |
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नदियों में स्नान करना वैशाखी परंपरा है | |
अन्य नाम | बसोआ, बिसुआ, जुड़ शीतल, पोहेला बोशाख, बोहाग बिहू, विशु, पुथण्डु |
अनुयायी | हिन्दू, बौद्ध, सिख |
प्रकार | उत्तर भारत |
उद्देश्य | गंगा स्नान, मेले, फसल कटाई समापन |
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