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बोड़ो लोग
पूर्वोत्तर भारत के असम राज्य के मूल निवासी, जनजाति / From Wikipedia, the free encyclopedia
बोड़ो (असमिया: বড়ো/बोड़ो: बड़ो) पूर्वोत्तर भारत के असम राज्य के मूल निवासी हैं और भारत की एक महत्वपूर्ण जनजाति हैं। बोड़ो समुदाय स्वयं एक बृहत बोड़ो-कछारी समुदाय का हिस्सा माने जाते हैं। सन् २०११ की भारतीय राष्ट्रीय जनगणना में लगभग २० लाख भारतीयों ने स्वयं को बोड़ो बताया था जिसके अनुसार वे असम की कुल आबादी के ५.५% हैं। भारतीय संविधान की छठी धारा के तहत वे एक अनुसूचित जनजाति हैं।
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सामान्य तथ्य बोरो या बोड़ो, कुल जनसंख्या ...
बोरो या बोड़ो | |
---|---|
![]() | |
कुल जनसंख्या | |
2,000,000 (लगभग) | |
विशेष निवासक्षेत्र | |
![]() | 1,200,000 (लगभग) |
![]() | 324,500 |
![]() | 124,000 |
भाषाएँ | |
बोड़ो भाषा | |
धर्म | |
बाथोइज़्म, बोडो ब्रह्म धर्म एवं ईसाई | |
सम्बन्धित सजातीय समूह | |
बोड़ो-कछारी, कछारी लोग, हैजोंग लोग, गारो लोग |
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बोड़ो लोगों की मातृभाषा भी बोड़ो भाषा कहलाती है, जो एक ब्रह्मपुत्री भाषा है। ब्रह्मपुत्री भाषाएँ तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की एक शाखा है। धार्मिक दृष्टि से २००१ की जनगणना में लगभग ९०% प्रतिशत बोड़ो हिन्दू थे।[1][2]