रक्त चंदन
जंगलों में पाया जाने वाला एक पेड़ / From Wikipedia, the free encyclopedia
रक्त चन्दन (वैज्ञानिक नाम : Pterocarpus santalinus) दक्षिण भारत के जंगलों में पाया जाने वाला एक पेड़ है जिसकी लकड़ी हिन्दुओं के द्वारा पवित्र मानी जाती है। सफ़ेद चन्दन के विपरीत इसमें कोई सुगन्ध नहीं होती लेकिन शैव तथा शाक्त परम्पराओं को मानने वाले लोग इसका उपयोग पूजा में करते हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु और आन्ध्र प्रदेश के क्षेत्रों में उगता है। शेषाचलम इसका मुख्य प्राप्तिस्थान है।[3]
सामान्य तथ्य रक्त चंदन, संरक्षण स्थिति ...
रक्त चंदन | |
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आन्ध्र प्रदेश के चितूर जिले के तलकोना वन में | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पदप जगत |
अश्रेणीत: | Angiosperms |
अश्रेणीत: | Eudicots |
अश्रेणीत: | Rosids |
गण: | Fabales |
कुल: | Fabaceae |
उपकुल: | Faboideae |
वंश समूह: | Dalbergieae |
वंश: | Pterocarpus |
जाति: | P. santalinus |
द्विपद नाम | |
Pterocarpus santalinus L.f. | |
पर्यायवाची[2] | |
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पानी से अधिक घनत्व की ये लकड़ी बहुत महंगी है। तने के बीच वाले भाग की लकड़ी का प्रयोग पाचन तंत्र शोधन, शरीर में तरल का संचय, रक्त शोधन जैसे उपचारों में होता है। भारत से इसका निर्यात मुख्यतः चीन तथा जापान को होता है। कर्नाटक और तमिलनाडु इसकी प्राप्ति के मुख्य राज्य हैं।