रुद्राष्टाध्यायी
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रुद्राष्टाध्यायी Rudrāṣṭādhyāyī, इसे शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी भी कहते हैं। रुद्राष्टाध्यायी दो शब्द रुद्र[1] अर्थात् शिव और अष्टाध्यायी अर्थात् आठ अध्यायों वाला, इन आठ अध्यायों में शिव समाए हैं। वैसे तो रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय हैं परंतु आठ तक को ही मुख्य माना जाता है।
सामान्य तथ्य रुद्राष्टाध्यायी, लेखक ...
रुद्राष्टाध्यायी | |
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गीताप्रेस गोरखपुर का आवरण पृष्ठ | |
लेखक | ब्रह्मा |
मूल शीर्षक | रुद्राष्टाध्यायी |
अनुवादक | गीताप्रेस |
देश | भारत |
भाषा | वैदिक संस्कृत |
श्रृंखला | ग्रंथ (यह शुक्ल यजुर्वेद का भाग है।) |
विषय | शिव, भक्ति और पूजा |
प्रकार | हिन्दू ग्रंथ |
प्रकाशक | गीताप्रेस गोरखपुर |
प्रकाशन तिथि | जनवरी 1, 2006 |
पृष्ठ | 213 वैदिक मंत्र , 10 अध्याय, पृष्ठ संख्या 224. |
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