लेडी जेन ग्रे
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लेडी जेन ग्रे Lady Jane Grey | |
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आयरलैंड और इंग्लैंड की रानी (और...) (विवादित) | |
शासनावधि | 10 जुलाई 1553 – 19 जुलाई 1553[2] |
पूर्ववर्ती | एडवर्ड ६ |
उत्तरवर्ती | मैरी प्रथम |
जन्म | 1536/1537 |
निधन | 12 फरवरी 1554 (उम्र 16–17) लंदन टावर, लंदन |
समाधि | सेंट पीटर एड विन्कुला, लंडन |
जीवनसंगी | लॉर्ड गिल्डफोर्ड डुडली (वि. 1553–54; उनकी मौतों तक) |
पिता | हेनरी ग्रे, सफ़क का पहला ड्यूक |
माता | लेडी फ्रांसिस ब्रैन्डन |
हस्ताक्षर |
लेडी जेन ग्रे (1536/1537 – 12 फ़रवरी 1554), को लेडी जेन डुडली[3] या नौ दिनों की रानी,[4] भी कहा जाता है एक कुलीन घराने की अंग्रेज महिला थी और वास्तविकता में 10 जुलाई से 19 जुलाई 1553 ई॰ तक इंग्लैंड की रानी थीं। अपनी नानी मैरी ट्यूडर के जरिये हेनरी ७, इंग्लैंड का राजा की वंशज जेन एडवर्ड षष्टम की बुआ की बेटी थीं। मई 1553 में उन्होंने एडवर्ड के मुख्य मंत्री जॉन डुडली के पुत्र लॉर्ड गिल्डफोर्ड डुडली से विवाह कर लिया था। जब 15 वर्षीय राजा एडवर्ड जून 1553 में मृत्युशैय्या पर था तब उसने अपनी फुफेरी बहन जेन को अपनी वसीयतनामे में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इस तरह से उसकी सौतेली बहनों मैरी १ और एलिज़ाबेथ प्रथम को उत्तराधिकार की पंक्ति से हटा दिया जो उनके पिता हेनरी ८ ने उन्हें तीसरा उत्तराधिकार कानून के तहत उनको दिया हुआ था। ९ दिन बाद 19 जुलाई 1553 को जब रानी की सलाहकार समिति प्रिवि काउंसिल ने अपना मन बदल के कैथोलिक विचारों वाली मैरी को समर्थन करना प्रारंभ कर दिया तो जेन को पदच्युत करके मैरी को रानी घोषित कर दिया गया और एडवर्ड की वसीयत को अमान्य कर दिया गया। नवम्बर में जेन को देशद्रोह का दोषी घोषित करके लंदन टावर मृत्युदंड देने के लिये ले जाया गया लेकिन बाद में उसे क्षमा कर दिया गया। लेकिनजनवरी और फरवरी 1554 में व्याट का विद्रोह जो कि रानी मैरी के स्पेन के फिलिप द्वितीय से विवाह के खिलाफ हुआ था की वजह से जेन और उसके पति दोनों की मृत्यु का कारण बना।
लेडी जेन ग्रे एक बहुत ही प्रतिभाशाली और मानवतावादी शिक्षा प्राप्त महिला थीं और अपने जमाने कि सर्वाधिक पढी-लिखी महिलाओं में गिनी जाती थीं।[5] दृढ प्रोटेस्टैंट विचारधारा वाली जेन को मरणोपरान्त राजनीति पीड़ित व सुधारवादी शहीद का दर्ज़ा मिला।