वनस्पति कोशिका
पादप कोशिका / From Wikipedia, the free encyclopedia
वनस्पति कोशिकाएं (plant cell) सुकेन्द्रिक कोशिकाएं हैं जो अन्य यूकार्योटिक जीवों की कोशिकाओं से कई महत्वपूर्ण तरीकों से भिन्न होती हैं। उनके विशिष्ट गुण निम्न प्रकार हैं - .
- एक बड़ी केन्द्रीय रिक्तिका, एक जल-भरी खाली जगह जो एक झिल्ली से घिरी होती है जिसे टोनोप्लास्ट कहते हैं।[1][2] य़ह कोशिका का तनाव बनाए रखती है, साइटोसॉल और सैप के बीच अणुओं की गतिविधि को नियंत्रित करती है, उपयोगी पदार्थों का संग्रह करती है और व्यर्थ प्रोटीनों व आर्गेनेलों को पचाती है।
- सेलूलोज और हेमीसेलूलोज, पेक्टिन और कई बार लिग्निन से बनी और कोशिका झिल्ली के बाहर की ओर के प्रोटोप्लास्ट द्वारा स्रवित एक कोशिका भित्ति. यह फफूंदी (काइटिन से बनी) और बैक्टीरिया की (पेप्टिडोग्लाइकान से बनी) कोशिका भित्तियों से भिन्न होती है।
- प्लास्मोडेस्मेटा नामक विशिष्ट कोशिका-कोशिका संचार पथ,[3] प्राथमिक कोशिका भित्ति में स्थित छिद्र जिनके जरिये पास-पास स्थित कोशिकाओं की प्लास्मालेमा और एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम[4] मिलते हैं।
- प्लास्टिड, जिनमें खास कर,क्लोरोप्लास्ट जिनमें क्लोरोफिल और प्रकाश हारवेस्टिंग व प्रकाश संश्लेषण के लिये जैवरसायनिक तंत्र होते हैं, स्टार्च संग्रह में विशेषज्ञ अमाइलोप्लास्ट,वसा संग्रह में विशेषज्ञ एलाइयोप्लास्ट और वर्णकों के संश्ल्षेण और संग्रह में विशेषज्ञ क्रोमोप्लास्ट शामिल हैं। माइटोकोंड्रिया की तरह, जिनमें 37 जीनों की एनकोडिंग वाला जीनोम होता है,[5] प्लास्टिडों में 100-120 अनूठे जीनों वाले अपने जीनोम होते हैं[6] और वे संभवतः जमीन के पौधों और शैवाल के प्रारंभिक यूकार्योटिक पूर्वज की कोशिकाओं में रहने वाले प्रोकार्योटिक एंडोसिम्बयांटों से उत्पन्न हुए हैं।[7]
- जन्तु कोशिकाओं के विरूद्ध, वनस्पति कोशिकाएं स्थिर होती हैं।
- साइटोकाइनेसिस में कोशिका प्लेट के निर्माण के लिये टेम्प्लेट के रूप में फ्रैग्मोप्लास्ट की रचना द्वारा कोशिका विभाजन जमीन पर उगने वाले पौधों और शैवालों के कुछ समूहों, खास कर चैरोफाइटों[8] और ट्रेंटीपोलियेलों का लक्षण होता है।[9]
- ब्रयोफाइटों के शुक्राणुओं पर जन्तुओं के समान ही फ्लैजेला होते हैं,[10][11] लेकिन उच्चतर पौधों (जिम्नोस्पर्म और फूलों वाले पौधों सहित) में फ्लैजेला और सेंट्रियोलों[12] का अभाव होता है।