वयली लिप्यंतरण
तिब्बती लिपि के लिप्यंतरण की विधि / From Wikipedia, the free encyclopedia
वयली लिप्यंतरण (Wylie transliteration) तिब्बती लिपि के रोमनीकरण की एक विधि है जिसमें उन रोमन वर्णों का उपयोग किया जाता है जो अंग्रेजी भाषा के किसी साधारण टाइपराइटर पर भी उपलब्ध होते हैं। यह नाम, टरेल वी वयली (Turrell V. Wylie) के नाम पर पड़ा है जिन्होने १९५९ में इस योजना को प्रस्तुत किया था।[1] समय के साथ यह लिप्यन्तरण योजना एक मानक बन गयी ( विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका में)।
तिब्बती भाषा के रोमनीकरण की सभी योजनाओं में सदा एक दुविधा की स्थिति पायी जाती है। यह दुविधा यह है कि रोमनीकरन करते समय बोली/कही गयी तिब्बती भाषा के उच्चारण को संरक्षित रखने की कोशिश की जाय या तिब्बती लिपि की वर्तनी का अनुकरण किया जाय। बात यह है कि तिब्बती में लिखी और बोली गयी भाषा में बहुत अन्तर होता है। वयली लिप्यन्तरण से पहले प्रचलित लिप्यन्तरण योजनाएँ न तो उच्चारण को पूर्णतः संरक्षित कर पातीं थीं न ही लिपि की वर्तनी को। वयली लिप्यन्तरण योजना, तिब्बती उच्चारण का अनुगमन नहीं करती बल्कि तिब्बती लिपि (वर्तनी) को रोमन लिपि में प्रस्तुत करने की योजना है।