वान डी ग्राफ़ जेनरेटर
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वान डी ग्राफ़ जेनरेटर (अंग्रेज़ी:Van der Graaf Generator) एक स्थिरवैद्युत जनित्र है जो एक गतिशील पट्टे का उपयोग करते हुए धातु के एक खोखले गोले के ऊपर विद्युत आवेश एकत्र करता है। धातु का यह गोला एक विद्युतरोधी स्तम्भ के ऊपरी भाग पर स्थापित होता है। इस गोले पर आवेश इकट्ठा करके इसका विद्युत विभव बहुत अधिक कर दिया जाता है। इस प्रकार यह उपकरण अति उच्च विभव की अल्प दिष्ट धारा उत्पन्न करता है।
वान डी ग्राफ[1] जेनरेटर उच्च विभवान्तर (जैसे, १० लाख वोल्ट) पैदा करने में प्रयोग होता है। इसका विकास सन 1931 में वैज्ञानिक फान डी ग्राफ (Van de Graff) ने किया था।
इसका उपयोग आवेशित कणों (जैसे प्रोटॉन, आयन, अल्फा कण इत्यादि को त्वरित करने में किया जाता है।