विश्व डाक दिवस ९ अक्टूबर को मनाया जाता है। ९ अक्टूबर 1874 को ’’यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’’ के गठन हेतु बर्न, स्विटजरलैण्ड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था इसीकारण विश्व डाक दिवस मनाने के लिए यह दिन चुना गया।1 जुलाई, 1876 को भारत यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना[1] तथा भारत में पहली बार वर्ष 1766 में डाक व्‍य‍वस्‍था की शुरूआत की गई, वर्तमान में भारतीय डाक विभाग की स्थिति इस प्रकार से है 150 वर्षों[2] से अधिक पुरानी इस संस्था में डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस है जिनमें से 89.87% ग्रामीण क्षेत्रों में है तथा औसतन 21.23 वर्ग किलोमीटर में यह लगभग 8086 जनसंख्या[2] को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना 1 अक्तूबर, 1854 को हुई।भारतीय डाक विभाग 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाता है।वर्ष 1766 में भारत में पहली बार डाक व्यवस्था का प्रारंभ हुआ,वारेन हेस्टिंग्स में कोलकाता में प्रथम डाकघर वर्ष 1774 को स्थापित किया। भारत में सन 1852 में प्रथम बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत हुई तथा महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट 1 अक्टूबर सन 1854 को जारी किया गया। भारत में अब तक का सबसे बड़ा डाक टिकट[3] पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 20 अगस्त सन 1991 को जारी किया गया था। ब्रिटेन में डाक विभाग की स्थापना वर्ष 1516 में हुई थी ब्रिटेन में इसे रॉयल मेल [4]के नाम से जाना जाता है जिसका मुख्यालय इंग्लैंड में बनाया गया है। अमेरिकी डाक विभाग को यूएस मेल के नाम से जाना जाता है जिसकी स्थापना वर्ष 1775 में हुई थी। फ्रांस के डाक विभाग को ला पोस्ट ए के नाम से जाना जाता है वर्ष 1576 में स्थापित डाक विभाग का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है। डूटस्चे पोस्ट के नाम से जानी जाने वाली जर्मन डाक विभाग का हेड क्वार्टर बॉन में बना हुआ है। दक्षिणी एशियाई देशों में स्थित [[श्रीलंका\\ के डाक विभाग का नाम श्रीलंका पोस्ट है वर्ष 1882 में बने इस डाक विभाग का मुख्यालय श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में है इसी तरह पाकिस्तान में स्थित डाक विभाग जिसे वर्ष 1947 में प्रारंभ किया गया था इसे पाकिस्तान पोस्ट कहा जाता है एवं इसका मुख्यालय इस्लामाबाद में है.

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पत्र

विश्व डाक दिवस सबंधित जानकारी

  • विश्व डाक दिवस प्रत्येक वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व डाक दिवस को स्विट्जरलैंड के बर्न में 1874 ईस्वी में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) की स्थापना की याद में मनाया जाता है।
  • विश्व डाक दिवस का उद्देश्य लोगों और व्यवसायों के रोजमर्रा के जीवन में पोस्ट की भूमिका के साथ-साथ वैश्विक, सामाजिक और आर्थिक विकास में इसके योगदान के लिए जागरूकता लाना है।
  • विश्व डाक दिवस को 1969 ईस्वी में जापान के टोकियो में आयोजित यूपीयू कांग्रेस में विश्व पोस्ट दिवस के रूप में आयोजित किए जाने के लिए चुना गया था।
  • यपीयू पूरी दुनिया में संचार क्रांति के उद्देश्यों पर यह ध्यान में रखते हुए केन्द्रित रहता है की लोग एक-दूसरे को पत्र लिखें और अपने विचारों को साझा कर सकें।
  • यपीयू के सदस्य देशों को इस समारोह का जश्न मनाने के लिए अपनी खुद की राष्ट्रीय गतिविधियों को आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिसमें डाकघरों, मेल केंद्रों और डाक संग्रहालयों में खुले दिनों के संगठन के लिए नए डाक उत्पादों और सेवाओं के परिचय या प्रचार आदि सब कुछ शामिल है।
  • यपीयू दुनिया भर में प्रदर्शन के लिए पोस्टर और डिजाइन वितरित करके अपने विश्व डाक दिवस के साथ जागरूकता की सुविधा प्रदान करता है।
  • विश्व डाक दिवस एक विशेष विषय द्वारा निर्देशित नहीं है, लेकिन UPU के नवीनतम पोस्टर डिजाइन UPU के तीन रणनीतिक स्तंभों:- नवाचार, एकीकरण और समावेश का प्रतीक हैं।
  • 1 जुलाई, 1876 में भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना था। इस सदस्यता को लेने वाला भारत एशिया का पहला देश है। 1 अक्टूबर, 1854 में भारत सरकार ने डाक के लिए एक अलग विभाग की स्थापना की थी।
  • भारत में पहला पोस्ट ऑफिस कोलकाता में 1774 में  खोला गया था, भारत में स्पीड पोस्ट की शुरूवात 1986 में की गई थी।
  • भारत में मनी आर्डर सिस्टम की शुरूवात 1880 हुई। दक्षिण गंगोत्री अंटार्कटिका भारत का पहला डाकघर है जो भारतीय सीमा के बाहर है जिसकी स्थापना 1983 में की गई थी।

सन्दर्भ

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