संवैधानिक राजतंत्र
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संवैधानिक राजशाही, किसी राज्य की उस शासन-प्रणाली को कहते हैं जिसमें सर्वोच्च शासक राजा तो होता है लेकिन उसकी शक्तियाँ किसी संविधान या क़ानून द्वारा सीमित होती हैं, यानि वह अपनी मनमानी से राज नहीं कर सकता। राजा को बांधने वाला क़ानून लिखित या अलिखित हो सकता है। ब्रिटेन और जापान ऐसी संवैधानिक राजशाहीयों के उदाहरण हैं। ऐसे अधिकतर देशों में राजनैतिक शक्तियाँ अक्सर किसी नागरिकों द्वारा चुनी हुई संसद के अधीन होती हैं, इसलिये इन्हें कभी-कभी संसदीय राजशाही भी कहा जाता है।[1][2]
ज्यादातर देशों में राजशाही संवैधानिक हैं लेकिन कुछ देशों में शासन तरह से निरंकुशता या राजतन्त्र है. ऐसे देशों के नाम हैं; स्वाज़ीलैंड (पूर्ण राजतन्त्र), ओमान (पूर्ण राजतन्त्र), दारुस्सलाम (पूर्ण राजतन्त्र), सऊदी अरब (पूर्ण धर्मतन्त्र), वेटिकन (पूर्ण धर्मतन्त्र), कतर (मिश्रित शासन), यूएई (मिश्रित शासन) और बहरीन (मिश्रित शासन)। वर्तमान में, लगभग 44 देशों में राज्य के प्रमुख के रूप में एक सम्राट है. इन 44 राजाओं में शामिल हैं; 3 अफ्रीका में , 6 ओशिनिया में ,10 उत्तरी अमेरिका में ,12 यूरोप में और 13 एशिया में हैं।[3]