हीमोफीलिया
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पैतृक रक्तस्राव या हीमोफिलिया (Haemophilia) एक आनुवांशिक (hereditary) विकार है जो आमतौर पर पुरुषों को होती है और औरतों द्वारा फैलती (transmit) है।
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हीमोफीलिया आनुवंशिक रोग है जिसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। इसके कारण चोट या दुर्घटना में यह जानलेवा साबित होती है क्योंकि रक्त का बहना जल्द ही बंद नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग का कारण एक रक्त प्रोटीन की कमी होती है, जिसे 'क्लॉटिंग फैक्टर' कहा जाता है। इस फैक्टर की विशेषता यह है कि यह बहते हुए रक्त के थक्के जमाकर उसका बहना रोकता है।
इस रोग से पीड़ित रोगियों की संख्या भारत में कम है। इस रोग में रोगी के शरीर के किसी भाग में जरा सी चोट लग जाने पर बहुत अधिक मात्रा में खून का निकलना आरंभ हो जाता है। इससे रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
पीड़ित रोगियों से पूछताछ करने पर बहुधा पता चलता है कि इस प्रकार की बीमारी घर के अन्य पुरुषों को भी होती है। इस प्रकार यह बीमारी पीढ़ियों तक चलती रहती है।
यह बीमारी रक्त में थ्राम्बोप्लास्टिन (Thromboplastin) नामक पदार्थ की कमी से होती है। थ्राम्बोप्लास्टिक में खून को शीघ्र थक्का कर देने की क्षमता होती है। खून में इसके न होने से खून का बहना बंद नहीं होता है।