शीर्ष प्रश्न
समयरेखा
चैट
परिप्रेक्ष्य

अरुणा ईरानी

भारतीय अभिनेत्री (जन्म: 1946) विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश

अरुणा ईरानी
Remove ads

अरुणा ईरानी हिन्दी फिल्मों की एक चरित्र अभिनेत्री हैं। उन्होंने ज्यादातर सहायक भूमिका या चरित्र भूमिकाओं में हिन्दी, कन्नड़, मराठी और गुजराती सिनेमा में 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। उनके प्रदर्शन ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक भूमिका के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार में नामांकन दिलाये हैं। वह इस श्रेणी में सबसे अधिक नामांकन (10) जीतने का रिकॉर्ड रखती हैं, और उन्हें पेट प्यार और पाप (1985) और बेटा (1993) में अपनी भूमिकाओं के लिए दो बार ये पुरस्कार मिला है। जनवरी 2012 में, उन्हें 57वें फिल्मफेयर पुरस्कार में फिल्मफेयर लाइफ़ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]

सामान्य तथ्य अरुणा ईरानी, पेशा ...
Remove ads

प्रारंभिक जीवन

अरुणा ईरानी का जन्म 18 अगस्त 1946 को मुम्बई, भारत में हुआ था। उनके पिता फरीदुन ईरानी ने नाटक मंडली चलाई, और उनकी माँ सगुना अभिनेत्री थीं। वह आठ भाई-बहनों में सबसे बड़ी है और उन्होंने छठी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी क्योंकि उनके परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह सभी बच्चों को शिक्षित कर सके।[2]

करियर

सारांश
परिप्रेक्ष्य

अरुणा ने फिल्म गंगा जमुना (1961) से बचपन का किरदार निभाकर अपनी शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने माला सिन्हा के बचपन के किरदार का अनपढ़ (1962) में अभिनय किया। इसके बाद उन्होंने जहाँ आरा (1964), फर्ज़ (1967), उपकार (1967) और आया सावन झूम के (1969) जैसी फ़िल्मों में कई छोटे चरित्र निभाए। बाद में उन्होंने औलाद (1968), हमजोली (1970), देवी (1970) और नया ज़माना (1971) जैसी फिल्मों में हास्य अभिनेता महमूद अली के साथ अभिनय किया।

1971 में, उन्होंने कारवाँ में अभिनय किया। बाद में उन्होंने महमूद अली की बॉम्बे टू गोवा (1972), गरम मसाला (1972) और दो फूल (1973) में अभिनय किया। उनकी फिल्मों में फ़र्ज़ (1967), बॉबी (1973), फकीरा (1976), सरगम (1979), रेड रोज़ (1980), लव स्टोरी (1981) और रॉकी (1981) शामिल हैं।

उन्होंने अपना पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार पेट प्यार और पाप (1984) के लिए जीता।[3]

1980 और 1990 के दशक के उत्तरार्ध में अरुना ने माँ की भूमिकाएं निभाना शुरू कर दिया, विशेष रूप से बेटा (1992) में, जिसके लिए उन्होंने अपना दूसरा फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीता।

अपने बाद के करियर में, अरुणा ने विभिन्न धारावाहिकों में चरित्र भूमिकाएं निभाते हुए टेलीविजन पर भी कदम रखा। उन्होंने मेहंदी तेरे नाम की, देस में निकला होगा चाँद, रब्बा इश्क ना होवे, वैदेही और इनके जैसे धारावाहिकों का निर्देशन और निर्माण किया।[4]

Remove ads

प्रमुख फिल्में

अधिक जानकारी वर्ष, फ़िल्म ...
Remove ads

नामांकन और पुरस्कार

सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार - बेटा (1992)[5]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

Loading related searches...

Wikiwand - on

Seamless Wikipedia browsing. On steroids.

Remove ads