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अलका याज्ञिक
भारतीय पार्श्व-गायिका (जन्म-1996) विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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अलका याग्निक भारतीय सिनेमा की एक प्रसिद्ध पार्श्वगायिका हैं।[1] वे हिंदी सिनेमा में 4 दशकों तक अपनी गायकी के लिए विख्यात हैं।[2] हिंदी सिनेमा में वे सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली पांचवी पार्श्वगायिका हैं। उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार के ३६ नामांकनों में से ७ बार पुरस्कार मिल चुका है जो कि खुद में एक रिकॉर्ड है। उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त है। साथ ही उनके २० गाने बीबीसी के "बॉलीवुड के श्रेष्ठ ४० सदाबहार साउंडट्रैक" में शामिल हैं। उनके कुछ हिट गानों में से हैं — "कुछ कुछ होता है", "टिप टिप बरसा पानी", "परदेसी परदेसी", "छम्मा छम्मा", "पूछो ज़रा पूछो", "एक दो तीन", "चाँद छुपा बादल में", "लाल दुपट्टा", "मुझको राणाजी" और "बाज़ीगर ओ बाज़ीगर"।

She Has been Diagnosed With Rare Hearing Loss Syndrome..
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जीवन
अलका 20 मार्च 1966 को कोलकाता में एक गुजराती परिवार में पैदा हुई। उस की माता शोभा याग्निक गायक थीं। इन्होंने ने 6 साल की उम्र में ही कोलकाता रेडीयो के लिए गाना शुरू कर दिया था। 10 साल की उम्र में वो मुंबई स्थानांतरित हो गयीं और वहीं से वो गायन के क्षेत्र में तरक्की की राह पर अग्रसर हुई। अलका ज़्यादातर बॉलीवुड की फिल्मों के लिए गाती है। वो अब तक 700 फिल्मों के लिए गीत गा चुकी है। इन्होंने कुमार सानु व उदित नारायण के साथ ज्यादा गीत गाये हैं। कुमार सानु के साथ गाये गये उनके जुगलबंदी गीत श्रोताओं द्वारा बहुत पसंद किये गये।[3]
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पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
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राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
अल्का याग्निक ने 1985 में भोजपरी फिल्म में गाने गाए जिसमें एक सोहर गीत "युग युग जिया तू लालानवा" काफी पसंद किया गया,इस गाने को आज भी सोहर गीत का सबसे अच्छा गीत के रूप में पसंद किया जाता है।
बाहरी कड़ियाँ
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