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कोणीय संवेग
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भौतिक विज्ञान में कोणीय संवेग (Angular momentum), संवेग आघूर्ण (moment of momentum) या घूर्णी संवेग (rotational momentum)[1][2] किसी वस्तु के द्रव्यमान, आकृति और वेग को ध्यान में रखते हुए इसके घूर्णन का मान का मापन है।[3] यह एक सदिश राशि है जो किसी विशेष अक्ष के सापेक्ष जड़त्वाघूर्ण व कोणीय वेग के गुणनफल के बराबर होती है। कणों के किसी निकाय (उदाहरणार्थ: दृढ़ पिण्ड) का कोणीय संवेग उस निकाय में उपस्थित सभी कणों के कोणीय संवेग के योग के तुल्य होता है। इसे L से प्रदर्शित किया जाता है।
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चिरसम्मत यांत्रिकी में कोणीय संवेग
सारांश
परिप्रेक्ष्य

परिभाषा
किसी बिन्दु के सापेक्ष किसी 'कण' का कोणीय संवेग को सदिश गुणनफल के रूप में इस प्रकार अभिव्यक्त किया जा सकता है-
जहाँ उस बिन्दु के सापेक्ष उस कण का स्थिति सदिश है।
किसी अक्ष के सापेक्ष किसी कण का कोणीय संवेग उस अक्ष से कण तक के लम्बवत सदिश और उस कण के रैखिक संवेग के सदिश गुणनफल के बराबर होता है। ध्यान रहे कि कोणीय संवेग का मान, अक्ष के चुनाव पर निर्भर करता है (अलग-अलग अक्षों के सापेक्ष कोणीय संवेग भी अलग-अलग होगा), जबकि रेखीय संवेग का मान का अक्ष के चुनाव से कोई सम्बन्ध नहीं है।
- किसी पिण्ड का कोणीय संवेग
किसी बिन्दु के सापेक्ष किसी पिण्ड का कोणीय संवेग उस बिन्दु के सापेक्ष उस पिण्ड के सभी कणों के कोणीय संवेग के सदिश योग के बराबर होता है।
- किसी बिन्दु के सापेक्ष किसी पिण्ड का कोणीय संवेग = उस बिन्दु के सापेक्ष उस पिण्ड के द्रव्यमान केन्द्र का कोणीय संवेग + द्रव्यमान केन्द्र से जाने वाली अक्ष के सापेक्ष जड़त्वाघूर्ण x इस अक्ष के सापेक्ष कोणीय वेग
किसी अक्ष के सापेक्ष किसी गतिशील पिण्ड का कोणीय संवेग, उस अक्ष के सापेक्ष उस पिण्ड के जड़त्वाघूर्ण एवं उसके कोणीय वेग के गुणनफल के बराबर होता है।
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कोणीय संवेग संरक्षण का नियम

- यदि किसी निकाय पर कोई बाहरी बलाघूर्ण न लगाया जाय तो उस निकाय का कोणीय संवेग अपरिवर्तित रहता है।[4]
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
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