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नेल्लौर

आँध्रप्रदेश में एक जिल्ला विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश

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पन्‍नार नदी के किनारे बसा आंध्र प्रदेश का खूबसूरत शहर है नैल्‍लोर। यह नेल्लौर जिला का मुख्यालय है। नैल्‍लोर और उसके आसपास के क्षेत्र में धान की खेती बहुतायत में होती है। इसी कारण इस स्‍थान का नाम नैल्‍लोर (नेल्‍लु-धान, उस-नगर) पड़ा। नैल्‍लोर को विक्रमसिम्‍हपुरी के नाम से भी जाना जाता था। सांस्‍कृति दृष्टि से नैल्‍लोर आंध्र प्रदेश के अन्‍य शहरों से अलग माना जाता है क्‍योंकि यहीं पर महान तेलगु कवि तिखना सोमवाजी का जन्‍म हुआ था जिन्‍होंने आगे चलकर महाभारत का तेलूगु में अनुवाद किया था। Bharat ka sab se bada badarak aur utpdan yahi se hota h

सामान्य तथ्य
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इतिहास

यह प्राचीन नगर तीसरी शताब्‍दी में अशोक साम्राज्‍य का हिस्‍सा था। चौथी से छठीं शताब्‍दी तक पल्‍लवों ने यहां पर शासन किया। पर्यटन के क्षेत्र में यहां विकास की बहुत संभावनाएं हैं। मंदिर, किले और स्‍मारक, नेलापट्टु पक्षी अभ्‍यारण्‍य और पुलिकट झीले यहां के प्रमुख आकर्षण्‍ा हैं।

भूगोल

जलवायु

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मुख्य आकर्षण

सारांश
परिप्रेक्ष्य

रंगनाथ मंदिर

पन्‍नार नदी के किनारे यह सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर का गलीपुरम 29 मीटर ऊंचा है और इसमें स्‍वर्ण कलश रखे हुए हैं। मंदिर का सबसे खूबसूरत कमरा अद्दामंटपम है जहां शीशों को विशेष प्रकार के कोणों में लगाया गया है। कक्ष के बीच में भगवान का सिंहासन है। जब इस सिंहासन पर मूर्ति रखी जाती है तो उसके प्रतिबिंद चारों ओर दिखाई पड़ते हैं। यह अद्भुत दृ‍श्‍य देखने हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं। पिछले 600 सालों से यहां वार्षिक रथ यात्रा का आयोजन किया जाता रहा है।

नेल्‍लापट्टु अभ्‍यारण्‍य

नेल्‍लापट्टु पक्षी अभ्‍यारण्‍य पुलिकट पक्षी अभ्‍यारण्‍य से 20 किलोमीटर दूर नेल्‍लापट्टु गांव में स्थित है। 404 वर्ग किलोमीटर में फैला यह अभ्‍यारण्‍य दक्षिण पूर्व एशिया में पेलिकन पक्षी का सबसे बड़ा प्राकृतिक निवास स्‍थान है। पूर्वी तट पर स्थित नेल्‍लपट्टु अभ्‍यारण्‍य में प्रवासी पक्षी भी बड़ी संख्‍या में आते हैं। यहां सिर्फ पक्षी ही नहीं पाए जाते बल्कि अनेक प्रकार के जन्‍तु जैसे भेडि़ए, सांप, छिपकली आदि भी मिलते हैं।

उदयगिरी किला

उदयगिरी किले का निर्माण विजयनगर के राजाओं ने 14वीं शताब्‍दी में करवाया था। संजीव पहाड़ी की चोटी पर बना यह किला नैल्‍लोर से 96 किलोमीटर दूर हे। ग्‍यारह किलों के अलावा यहां पल्‍लवों और चोल वंश द्वारा बनाए गए मंदिर भी हैं। सात मील के क्षेत्र में फैला यह किला अपने सुंदर वास्‍तुशिल्‍प के लिए प्रसिद्ध है।

पुलिकट झील

पुलिकट को भारत में खारे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झील माना जाता है। बंगाल की खाड़ी के तट से साथ स्थित इस झील में पक्षियों को प्रजनन और भोजन की उपयुक्‍त दशाएं उपलब्‍ध होती हैं इसलिए यह बड़ी संख्‍या में प्रवासी जलीय पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

सोमसिला

नैल्‍लोर से 80 किलोमीटर दूर सोमसिला अपने सोमेश्‍वर मंदिर और सोमसिला बांध के लिए मशहूर है। इस मंदिर का निर्माण श्री कृष्‍ण देवार्या के शासनकाल में हुआ था। पन्‍नार नदी पर बना सोमसिला बांध नेल्‍लार जिले का सबसे बड़ा बांध है। स्‍थानीय निवासियों के बीच यह स्‍थान पिकनिक स्‍पॉट के रूप में प्रसिद्ध है।

रहमतबाद

नैल्‍लोर के समीप स्थित रहमतबाद प्रसिद्ध आध्‍यात्मिक व्‍यक्तियों के मकबरों के लिए जाना जाता है जैसे नयाब-ए-रसूल और उनकी बेगम मा हबीबा। जून-जुलाई के महीनों में यहां त्‍योहार का सा माहौल होता है। उस दौरान हजारों लोग यहां आते हैं।

जोनावाडा

नेल्‍लोर से 15 किलोमीटर दूर स्थित जोनावाडा एक प्रसिद्ध तीर्थस्‍थान है। विश्‍व में कामाक्षी देवी के दो मंदिर हैं जिनमें से एक यहां है। 1150 में निर्मित इस मंदिर परिसर में श्री मल्लिकार्जुन स्‍वामी और देवी कामाक्षी अम्‍मा का मंदिर है। हर साल यहां दस दिन का महोत्‍सव पूरी श्रद्धा और उल्‍लास के साथ मनाया जाता है।

कृष्‍णा मंदिर

यह विशाल मंदिर नेल्‍लोर की वेदायपलम रोड पर स्थित है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान कृष्‍ण के साथ-साथ भगवान गणेश और दत्‍तात्रेय की प्रतिमाएं भी स्‍थापित की गई हैं। मंदिर परिसर में कर्या सिद्धि हनुमान और आस्‍था लक्ष्‍मी के मंदिर भी हैं।

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आवागमन

वायु मार्ग

निकटतम हवाई अड्डा चेन्‍नई शहर से 50 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग

यहां पर वॉल्‍टेयर-चेन्‍नई ब्रॉड गेज लाइन का रेलवे स्‍टेशन है।

सड़क मार्ग

आंध्र प्रदेश के प्रमुख शहरों से यहां के लिए सड़कें व बसें उपलब्‍ध हैं।

सन्दर्भ

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