शीर्ष प्रश्न
समयरेखा
चैट
परिप्रेक्ष्य
प्रह्लाद
पुरणिक कथाओं में एक विष्णु भक्त पात्र विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
Remove ads
विष्णुपुराण की एक कथा के अनुसार जिस समय असुर संस्कृति शक्तिशाली हो रही थी, उस समय असुर कुल में एक अद्भुत, प्रह्लाद नामक बालक का जन्म हुआ था। उसका पिता, असुर राज हिरण्यकश्यप [तथा मां कयाधु ] | वह हिरण्यकशिपु और कयाधु के चार पुत्रों में सबसे बड़ा था | [] देवताओं से वरदान प्राप्त कर के निरंकुश हो गया था। उसका आदेश था, कि उसके राज्य में कोई विष्णु की पूजा नही करेगा। परंतु प्रह्लाद विष्णु भक्त था और ईश्वर में उसकी अटूट आस्था थी। इस पर क्रोधित होकर हिरण्यकशिपु ने उसे मृत्यु दंड दिया। हिरण्यकशिपु की बहन, होलिका, जिस को आग से न मरने का वर था, प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई, परंतु ईश्वर की कृपा से प्रह्लाद को कुछ न हुआ और वह स्वयं भस्म हो गई। इस दिन को होलिका दहन के नाम से मनाया जाता है।
![]() | इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (मार्च 2019) स्रोत खोजें: "प्रह्लाद" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |

अगले दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का पेट चीर कर उसे मार डाला और सृष्टि को उसके अत्याचारों से मुक्ति प्रदान की। इस ही अवसर को याद कर होली मनाई जाती है। इस प्रकार प्रह्लाद की कहानी होली के पर्व से जुड़ी हुई है।हमें भी प्रह्लाद की तरह बनना चाहिए।प्रियरंजन
Remove ads
फिल्म उल्लेख
महावतार नरसिंह फिल्म के निर्माताओं ने कथानक को आकार देने हेतु विभिन्न ऐतिहासिक और शास्त्रीय सन्दर्भों को सम्मिलित किया है—विशेषतः प्रह्लादपुरी मंदिर के खंडहर, हम्पी में स्थित पुनःस्थापित जली हुई धर्मस्थली, और अहोबिला नव नरसिंह स्वामी मंदिरों[1] जैसे पुरातात्विक स्थलों के अतिरिक्त विष्णु पुराण, नरसिंह पुराण, वराह पुराण तथा श्रीमद्भागवत पुराण जैसे पवित्र ग्रंथों से प्रेरणा ली गई है। फिल्म की सफलता और दर्शकों से इसका गहरा जुड़ाव लेखक की पवित्र ग्रंथों के प्रति उसकी अटूट निष्ठा का प्रतिफल है।
Remove ads
सन्दर्भ
संबंधित कड़ियाँ
बाहरी कड़ियाँ
Wikiwand - on
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Remove ads