शीर्ष प्रश्न
समयरेखा
चैट
परिप्रेक्ष्य
सौराठ सभा
भारत के बिहार राज्य का एक गाँव विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
Remove ads
सौराठ सभा बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगने वाला एक विशाल सभा है जिसमें वहाँ आए कन्याओं के पिता योग्य वर का चुनाव करते हैं।यह एक विशाल सांस्कृतिक धरोहर है जिसमें मंडन मिश्र, कवि कोकिल विद्यापति, अयाची मिश्र जैसे कई महान व्यक्तित्व का नाम उल्लेखनीय है।
चुनाव से पहले सौराठ सभागाछी में उपस्थित लोगों के बीच बहुत प्रकार के चर्चाओं जिसमें मुख्य रूप से कुल, मूल और पाँजिका होता है; जिनके जितने बड़े कुल-मूल-पाँजि होते हैं उनका पूछ उतना ही अधिक होता है। हालांकि इस आधुनिकता के चमक-दमक ने अब लोगोंको केवल कुल-मूल-पाँजि से कहीं ऊपर लड़कों का व्यक्तिगत गुण, आचरण और रोजगार को मुख्य जाँच का विषय बना दिया है।
परम्परानुसार यहाँ पहले (साबिक जमाने से) गुरुकुल से सीधे योग्य युवकोंको सौराठ सभागाछी में लाया जाता था और मैथिल ब्राह्मणों एवं कायस्थों के लिए शुरु किया गया इस सभामें लोग लाखोंके तादाद में पहुँचते थे और गुरुकुलोंके उन योग्य शिक्षित युवकोंके प्रतिभाको जाँच-बुझकर अपने स्वजनों के लायक उचित वर समझकर गुरुजनोंसे आज्ञा लेते थे और फिर विवाह कराने से पूर्व लड़कों के पैतृक परिवार के सात पुश्तों में और मातृक परिवारके पाँच पुश्तों में पहले कभी सीधा रक्त सम्बन्ध नहीं बने होने पर मात्र अधिकार निर्णय करबाते थे, ऐसे अधिकार निर्णय को एक तारके पत्तेपर मिथिलाक्षर में लाल स्याही से लिखवाया जाता था जिसे 'सिद्धान्त' कहा जाता है जिसमें पञ्जीकार स्वर्गीय लक्ष्मीदत्त मिश्र उर्फ भुट्टू मिश्र का नाम उल्लेखनीय है। पंजीकार भुट्टु मिश्र दरभंगा महाराज के सानिध्य में रहते थे। पंजी व्यवस्था की यह परम्परा आज भी मैथिलों में कायम है। इस समूचे संसार में शायद मैथिलों का यह वैवाहिक परंपरा सर्वोत्तम माना जाता है क्योंकि अधिकार निर्णय की अनूठी रीतिको बाद में विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपने-अपने ढंग से समुचित करार दिया है।
Remove ads
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- मिथिला में लगता था विश्व का पहला मेट्रिमोनियल सभा !
- Inside a 700-year-old ‘groom market’ in India’s Bihar state
![]() | यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
Wikiwand - on
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Remove ads