अब्दुल गफ़ूर(1918 - 2004) 2 जुलाई 1973 से 11 अप्रैल 1975;[1] तक बिहार राज्य के तेरहवें मुख्यमंत्री के रूप में देश की सेवा की थी[2]और राजीव गांधी की सरकार के समय कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका जन्म गोपालगंज जिला, बिहार, भारत के एक छोटे से गाँव के कृषि परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जिले से पूरी करने के बाद, पटना चले गए और बाद में उच्च शिक्षा के लिए अलीगढ़ आ सफर तय किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया और उन्हें जेल में भी जीवन व्यापत करना पड़ा।


सामान्य तथ्य अब्दुल गफ़ूर, पूर्वा धिकारी ...
अब्दुल गफ़ूर

कार्यकाल
2 जुलाई 1973 - 11 अप्रैल 1975
पूर्वा धिकारी केदार पाण्डेय
उत्तरा धिकारी जग्गनाथ मिश्रा

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री निर्माण और आवास
कार्यकाल
31 दिसंबर 1984 - 25 सिंतबर 1985
प्रधान मंत्री राजीव गांधी

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शहरी विकास
कार्यकाल
25 सिंतबर 1985 - 22 अक्टूबर 1986
प्रधान मंत्री राजीव गांधी
उत्तरा धिकारी मोहसिना किदवई

बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष
कार्यकाल
मार्च 1972 - 1 जुलाई 1973

जन्म 1918
गोपालगंज, बिहारਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ
मृत्यु 10 July 2004
(उम्र. 85-86)
पटना, बिहार, भारतਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
बंद करें

देहांत

1918 में जन्मे अब्दुल गफ़ूर का 10 जुलाई 2004 को पटना में निधन हो गया।

राजनैतिक विरासत

उनकी राजनीतिक विरासत को उनके पोते आसिफ गफूर ने आगे बढ़ाया। आसिफ गफूर एआईसीसी के सदस्य और बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव हैं, 2010 में उन्होंने बिहार के गोपालगंज जिले के बरौली निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में बिहार विधानसभा चुनाव भी लड़ा।

भारत छोड़ो आंदोलन

गफूर, स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार कांग्रेस के प्रसिद्ध युवा तुर्कों बिंदेश्वरी दुबे, भागवत झा आजाद, चंद्रशेखर सिंह, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, केदार पांडे (सभी आने वाले समय में मुख्यमंत्री रहे) और सीताराम केसरी, इन सभी के साथ का हिस्सा थे।

सन्दर्भ

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