दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (अंग्रेज़ी:एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस, लघु:आसियान) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है। आसियान की स्थापना ८ अगस्त, १९६७ को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी। इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे। ब्रूनेई इस संगठन में १९८४ में शामिल हुआ और १९९५ में वियतनाम। इनके बाद १९९७ में लाओस और बर्मा इसके सदस्य बने। १९७६ में आसियान की पहली बैठक में बंधुत्व और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए। १९९४ में आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एशियन रीजनल फोरम) (एआरएफ) की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था। अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित एआरएफ के २३ सदस्य हैं।[19]

सामान्य तथ्य बर्मी:, फ़िलिपीनो: ...
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ध्वज प्रतीक चिह्न
राष्ट्रवाक्य: "One Vision, One Identity, One Community"
"एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय"[13]
राष्ट्रगान: "द आसियान वे"
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सचिवालयजकार्ताa
कार्यकारी भाषा अंग्रेजी[14]
सम्बद्ध राष्ट्रों की
आधिकारिक भाषाएँ
सदस्य
नेताओं
 -  अध्यक्ष ली सिन लूंग
 -  महासचिव लिम जैक होई
स्थापना
 -  बैंकाक घोषणा 8 अगस्त 1967 
 -  घोषणापत्र 16 दिसम्बर 2008 
क्षेत्रफल
 -  कुल 4,479,210[15] km2
जनसंख्या
 -  2013 जनगणना 639 मिलियन[16][15]
 -  घनत्व 141/km2
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) 2014 प्राक्कलन
 -  कुल US$7.6 ट्रिलियन[17]
 -  प्रति व्यक्ति US$12,160[17]
सकल घरेलू उत्पाद (सांकेतिक) 2015 प्राक्कलन
 -  कुल US$2.8 ट्रिलियन[17]
 -  प्रति व्यक्ति US$4,160[17]
मानव विकास सूचकांक (2016)वृद्धि 0.684b
मध्यम
समय मण्डल ASEAN (यू॰टी॰सी॰+6:30 से +9)
जालस्थल
ASEAN.org
a. पता: जालन सिसिंगामंगाराजा न॰70A, जकार्ता[18]
b. सदस्य राष्ट्रों के यूएनडीपी द्वारा प्राप्त आकड़ों से गणना
बंद करें

अपने चार्टर में आसियान के उद्देश्य के बारे में बताया गया है। पहला उद्देश्य सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता को कायम रखा जाए, इसके साथ ही झगड़ों का शांतिपूर्ण निपटारा हो। सेक्रेट्री जनरल, आसियान द्वारा पारित किए प्रस्तावों को लागू करवाने और कार्य में सहयोग प्रदान करने का काम करता है। इसका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। वर्तमान में थाईलैंड के सूरिन पिट्स्वान इसके सेक्रेट्री जनरल है। आसियान की निर्णायक बॉडी में राज्यों के प्रमुख होते हैं, इसकी वर्ष में एक बार बैठक होती है।

भारत आसियान देशों से सहयोग करने और संपर्क रखने का सदा ही इच्छुक रहा है। हाल ही में १३ अगस्त,२००९को भारत ने आसियन के संग बैंगकॉक में सम्मेलन किया, जिसमें कई महत्त्वपूर्ण समझौते हुए थे।[20] भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2008, नई दिल्ली में आसियान मुख्य केन्द्र बिन्दु रहा था। नई व्यापार ब्लॉक के तहत दस देशों की कंपनियों और कारोबारियों ने मेले में भाग लिया था। थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, वियतनाम, फिलिपींस, ब्रुनेई, कंबोडिया और लाओस आसियान के सदस्य देश हैं, जिनके उत्पाद व्यापार मेले में खूब दिखे थे।[21] आसियान भारत का चौथा सबसे बडा व्यापारिक भागीदार है। दोनों पक्षों के बीच २००८ में ४७ अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। फिक्की के महासचिव अमित मित्रा के अनुसार भारत और आसियान के बीच हुआ समझौता दोनों पक्षों के लिए उत्तम होगा। समझौता जनवरी २००९ से लागू हुआ था।[22]

सदस्य राष्ट्र

यह देश इस संगठन के सदस्य हैं।[23]

  1.  ब्रुनेई
  2.  कंबोडिया
  3.  इंडोनेशिया
  4.  लाओस
  5.  मलेशिया
  6.  म्यांमार
  7.  फिलीपींस
  8.  सिंगापुर
  9. थाईलैण्ड थाइलैंड
  10.  वियतनाम

आसियान प्लस तीन

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आसियान प्लस तीन के सदस्य राष्ट्र

आसियान प्लस तीन (एपीटी) एक ऐसा मंच है जो आसियान के सदस्य देशों तथा तीन पूर्वी एशियाई देशों चीन, जापान तथा दक्षिण कोरिया के मध्य सामंजस्य का कार्य करता है। दस आसियान देशों व तीन पूर्वी एशियाई देशों सरकारी नेता, मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं।[24]

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

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